शास्त्रों के मुताबिक ऐसे लोगों से दोस्ती करना होता है लाभदायक, ये बनते हैं सच्चे मित्र
आज के कलयुग के समय में सच्चा मित्र मिलना बहुत ही मुश्किल काम होता है। जब हम किसी को अपना सच्चा मित्र बनाते हैं और वह हमे धोखा देता है तो बहुत दुख होता है। इसलिए बेहतर यही होता है कि हम सोच समझकर अपने मित्रों का चुनाव करें। ऐसे में आज हम आपको शस्त्रों द्वारा बताए गए उन 6 गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर सच्चे मित्र के अंदर होते हैं।
आपकी गलतियां बताने वाले: बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो आपके सामने अच्छा बने रहने के लिए आपकी गलतियां नहीं गिनाते हैं। फिर आप कितने भी गलत हो वे चुप रहते हैं। इसे आपका ही नुकसान होता है। वहीं आपकी गलतियां बताकर आपको सही मार्ग दिखाने वाला मित्र ही आपका सच्चा शुभचिंतक होता है।
दूसरों के सामने आपकी बुराई न करें: एक सच्चा मित्र वही होता है जो दूसरों के सामने आपकी बुराई नहीं करता है। वह आपके अवगुणों से आपको अकेले में ही अवगत कराता है। आप में कमियां निकाल आपको कभी नीचा नहीं दिखाता है।
सबके सामने आपकी तारीफ़ों के पूल बांधे: सच्चा मित्र अक्सर सब के सामने आपकी तारीफ ही करता है। वह आपके गुणों को हाइलाइट कर दूसरों के सामने पेश करता है। वह आपको कभी सबके सामने नीचा नहीं दिखाएगा।
कठिन समय में धन की सहायता करे: एक सच्चा मित्र आपके सभी सुख दुख में साथ रहता है। वह सिर्फ इमोशनली ही नहीं बल्कि आर्थिक रूप से भी आपकी मदद को हमेशा तैयार रहता है। इसलिए कठिन परिस्थितियों में धन देकर मदद करने वाला दोस्त सच्चा मित्र कहलाता है।
आपको अच्छा मार्ग दिखाएं: सच्चा मित्र कभी आपका भविष्य खराब नहीं करेगा। बल्कि वह तो आपको अच्छी अच्छी चीजें करने के लिए प्रेरित करेगा। एक सच्चा मित्र आपको अपनी बुरी संगत से कभी बिगाड़ेगा नहीं। वह आपके साथ पॉजिटिव ही रहेगा।
बुरे समय में भी आपका साथ दें: सुख और खुशी में साथ देने तो कई लोग आ जाते हैं। लेकिन जब आपका बुरा समय चल रहा हो तब साथ निभाने सिर्फ सच्चे मित्र ही आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति आपका बुरे समय में साथ दें उस पर आप आँख बंदकर भरोसा कर सकते हैं। ऐसे व्यक्ति या दोस्त के मन में कोई खोट नहीं होता है।
वैसे आपके हिसाब से सच्चे मित्र की क्या पहचान होनी चाहिए? आप अपने साथ कैसा दोस्त रखना पसंद करते हैं। आपकी दोस्ती का क्या तरीका है। हमे कमेंट कर जरूर बताएं।