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मरने से पहले 4 लोगों को नई ज़िंदगी दे गया 14 साल का विशाल, देश के लोगों के लिए पेश की मिसाल

इंसान का शरीर नश्वर होता है। मरने के बाद वह जलकर राख हो जाता है। फिर उसके शरीर के सभी अंग किसी काम के नहीं रहते हैं। ऐसे में यदि मरने के पहले इन अंगों को दान कर किसी को नई ज़िंदगी दे दी जाए तो इससे बढ़कर और कुछ नहीं हो सकता है। ऐसा ही एक मामला राजस्थान के जयपुर में देखने को मिला है। यहां 14 साल का लड़का मरने के बाद भी चार चार लोगों को जिंदगियां दे गया।

हम यहां जिस लड़के की बात कर रहे हैं उसका नाम विशाल है। विशाल का 26 जनवरी के दिन एक एक्सीडेंट हो गया था। वह बाइक से जा रहा था तभी अचानक उसके सामने बस आ गई। उसने तुरंत ब्रेक लगाया लेकिन तेज रफ्तार होने की वजह से वह बस के नीचे आ गया। उसने हेलमेट नहीं पहना था जिसकी वजह से उसके चेहरे और सिर पर गहरी चोट आई।

विशाल के परिजन उसे SMS हॉस्पिटल ले गए जहां करीब पांच दिन उसका आयसीयू में इलाज चला। डाक्टरों ने उसे बचाने की लाख कोशिश की लेकिन विशाल को होश नहीं आया। अंत में डॉक्टर्स ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद विशाल के माता पिता ने अपने बेटे के अंग दान करने का निर्णय लिया।

विशाल की दोनों किडनियां जयपुर के SMS अस्पताल में प्रत्यारोपित की गई। वहीं लीवर को महात्मा गांधी अस्पताल में ट्रांसप्लांट किया गया। इसके अलावा विशाल के दिल और लंग्स को चेन्नई स्थित अपोलो हॉस्पिटल में स्पेशल चार्टर प्लेन से भेजा गया।

सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी के अनुसार विशाल के शरीर के सभी अंग जरूरतमन्द लोगों को डोनेट कर दिए गए। उसकी दोनों किडनी जयपुर के 50 साल के युवक और 46 साल के व्यक्ति में प्रत्यारोपित की गई। वहीं उसका लीवर जयपुर के 35 साल के युवक में ट्रांसप्लांट किया गया। विशाल के हार्ट व लंग्स को चेन्नई भेज अपोलो हॉस्पिटल में 46 वर्षीय एक महिला में ट्रांसप्लांट किया गया।

इस तरह विशाल के अंगों से चार लोगों को नई ज़िंदगी मिल गई। अंगदान एक बहुत ही पुण्य का काम होता है। हालांकि बहुत से लोग ऐसा करने से हिचकिचाते हैं। यह अच्छी बात नहीं है। एक बार इंसान मर जाए तो उसके शरीर के अंग वैसे भी किसी काम के नहीं रहते हैं। ऐसे में यदि इनसे किसी को नहीं ज़िंदगी मिलती है तो आपको इसका दान करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

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