अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट में एक और घोटाले का धब्बा, 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज!
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के साथ ही घोटालेबाजों की शामत आ गयी. नयी सरकार बने अभी 3 महीने भी नहीं हुए और पुरानी सरकार के संरक्षण में बड़े बड़े घोटालों की ख़बरें सामने आने लगी हैं. ऐसे में पूर्व सीएम अखिलेश यादव की साफ़ छवि के खिलाफ कई सबूत मिलते नजर आ रहे हैं. कई ऐसे ममाले सामने आये हैं जो उनकी छवि को मिटटी पलीत कर साकते हैं.
आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे में गड़बड़ी :
दरअसल अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में भी बड़ी गड़बड़ियों की खबरें आ रही हैं. गोमती रिवर फ्रंट और जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर के बाद अब आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे में भी गड़बड़ी पाई गयी है और ऐसे में सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार दोषियों पर कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है.
आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़े घोटाले के मामले में फिलहाल 27 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस सभी लोगों पर मुआवजे की राशी के बंटवारे में धांधली करने का आरोप है. इन सभी लोगों पर कृषि भूमि को आबादी वाली जमीन बनाकर अधिक मुआवजा देने का आरोप है. ऐसे में एक चकबंदी अधिकारी समेत 27 लोगों पर मुआवजे की आड़ में करोड़ों का घोटाला करने का आरोप है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह बछेला-बछेली नाम के गांव से जुड़ा मामला है जो कि सिरसागंज तहसील में पड़ते हैं. इन गावों में साल2013 में 7 और 30 अक्टूबर को जमीन अधिग्रहण किये जाने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी. उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट इंडस्ट्रियल अथॉरिटी के स्पेशल फील्ड ऑफिसर योगेश नाथ लाल ने इस संबध में जानकारी दी और बताया कि बैनामा के दौरान जमीन के कुछ हिस्से को आबादी वाला हिस्सा दिखाया गया था. जिसके बाद सरकार को 3.29 करोड़ रूपये के अतिरिक्त मुआवजे का भुगतान करना पड़ा.
फिलहाल इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जा चुकी है. जिसमें कई बड़े अधिकारियों के भी नाम शामिल हैं. ऐसे में अखिलेश यादव की सरकार पर और उनकी योजनाओं पर एक और धब्बा लगता नजर आ रहा है. सत्ता में रहने के दौरान को किसी के भी खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला सामने नहीं आता है, सरकार बदलने पर इन राजनेताओं का वास्तविक चरित्र सामने आ जाता है.