कृषि बिल के ख़िलाफ़ प्रदर्शनकारियों ने किया ऐलान 6 फरवरी को देश भर में करेंगे चक्का जाम
मंगलवार 26 जनवरी को हुई घटना के बाद लग रहा था कि किसान आंदोलन अब दम तोड़ देगा. दिल्ली बॉर्डर से किसानों ने जाना भी शुरू कर दिया था. तभी किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया के सामने अपने आंसू बहाना शुरू कर दिए. राकेश टिकैत के आंसू इस किसान आंदोलन में टर्निंग पॉइंट साबित हुए. जहां किसानों ने बॉर्डर से हटना शुरू कर दिया था, उसके विपरीत एक बार फिर भीड़ जुटना शुरू हो गई.
किसान 26 जनवरी में ट्रैक्टर रैली के बाद 6 फरवरी को संसद तक पैदल मार्च निकालने वाले थे. लेकिन 26 जनवरी को हुई घटना के बाद किसानों ने 6 फरवरी के संसद मार्च को रद्द कर दिया था. इसी बीच किसान नेता राकेश टिकैत के आसुओं के कारण जब दोबारा इस आंदोलन में जान आने लगी तो, किसानों ने फिर नई रणनीति का ऐलान कर दिया.
किसान नेताओं ने 6 फरवरी यानी इस शनिवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक देश भर में चक्का जाम करने की घोषणा की है. भारतीय किसान यूनियन नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने घोषणा करते हुए कहा कि नए किसान कानूनों के खिलाफ अब किसान देश भर में आंदोलन करेंगे. राजेवाल के मुताबिक किसान 6फरवरी की दोपहर 12 से 3 के बीच चक्का जाम करेंगे.
वहीं सरकार ने मामले में सख्ती दिखाते हुए किसानों के स्थल पर स्थल सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर इंटरनेट सेवाओं पर मंगलवार की रात तक रोक लगा दी है. यह जानकारी सरकाइर अधिकारीयों ने दी. बता दें कि किसान इन तीनों बॉर्डर पर केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे है. इन स्थानों के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों में भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. किसानों के धरने स्थल पर इंटरनेट की रोक 31 जनवरी को रात 11 बजे से शुरू की गई थी.
इस आंदोलन के बारे में किसानों का कहना है कि सरकार कृषि बिलों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में हम किसानों का भी सरकार के इन बिलों के विरोध में लगातार प्रदर्शन जारी रहेगा. समय आने पर हम इस आंदोलन को आगे और बढ़ाएंगे साथ ही मजबूत करेंगे. अभी हमें देशभर के किसानों का समर्थन मिल रहा है. उम्मीद है कि 6 फरवरी को चक्का जाम होने का असर देशभर में देखने को मिलेगा.
गौरतलब है कि सिंघु बॉर्डर पर सोमवार को सरकार की तरफ से अधिक पुलिस बढ़ा दी गई है. अन्य दिनों की तरह ही सोमवार को भी हर बैरिकेड्स पर तैनात फोर्स काफी एक्टिव नज़र आई. यहाँ पर दिल्ली की ओर से 1.5 किलोमीटर तक आम नागरिकों के आने जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. बॉर्डर पूरी तरह से बदन होने के कारण आसपास के लोग परेशान हो रहे हैं.