कभी धोखा नहीं देते हैं ये 4 प्रकार के लोग, आंख बंद करके किया जा सकता है भरोसा
सदियों पहले आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई बातें आज भी लोगों को बहुत काम आती है. आचार्य चाणक्य ने अपने ज्ञान से पूरी दुनिया को बहुत बड़ा संदेश दिया है और पूरी दुनिया को जीने की कला सिखाई है. मानव जीवन में आचार्य चाणक्य की कही गई बातें बहुत उपयोगी है.
आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़ी हर बातों को लेकर बहुत कुछ कहा है. चाणक्य की नीति समय गुजरने के साथ भी बेहद लाभदायक बनी हुई है. जीवन की हर कसौटी पर आचार्य चाणक्य के विचार मानव जीवन की काफी मदद करते हैं. बहरहाल, आपको इनका अनुसरण और पालन करना होगा. आचार्य चाणक्य ने हर समस्या का समाधान बताया है और उनके विचारों में से एक कि ‘किस स्वभाव का मनुष्य धोखा नहीं देता है’ इस बारे में आज हम आपको बताएंगे.
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि, ‘जो व्यक्ति स्पष्ट, साफ, सीधी बात करता है उसकी वाणी तीव्र एवं कठोर होती जरूर है लेकिन ऐसा व्यक्ति कभी किसी को धोखा नहीं देता.’
आचार्य चाणक्य के इस कथन का विस्तार से अर्थ यह है कि, ऐसा व्यक्ति जो सीधी और साफ़, तथा स्पष्ट भाषा बोलता है, जो व्यक्ति जो दिल में बता रखता है, वहीं जुबान पर भी रखता है वह व्यक्ति कभी किसी का बुरा नहीं कर सकता है. इस तरह के व्यक्ति में किसी का बुरा करने की आदत नहीं होती है.
चाणक्य कहते हैं कि, इस तरह का इंसान दो मुखी नहीं होता है. अर्थात वह सत्य और साफ़ बोलने में विश्वास करता है. बात टालने और लोगों से असत्य बोलने की प्रकृति इस तरह के लोगों में नहीं होती है. इस प्रवृति के लोग दूसरे लोगों कीझूठी तारीफ या फिर उनकी हां में हां भी नहीं मिलाते हैं.
इस तरह के व्यक्ति की बातें आपको चुभ जरूर सकती है, लेकिन वो आपका नजरिया और आपकी सोच हो सकती है, इससे ज्यादा कुछ नहीं. दरअसल, ऐसे लोग सामने वाले व्यक्ति के भले के लिए ही होते हैं.
आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया है कि, ऐसे लोग जो मूर्ख होते है वे भी कभी किसी व्यक्ति को धोखा नहीं दे सकते हैं. दरअसल, मूर्ख व्यक्ति किसी भी स्वार्थ से परे होता है और वह किसी काम में खुद के भले के बारे में भी नहीं सोच पाता है तो वह किसी अन्य का क्या बुरा करेगा या उसे धोखा देगा.
आचार्य चाणक्य ने यह भी कहा है कि, जो व्यक्ति बिना फल की चाह के क्सिई व्यक्ति की मदद करता है वह भी किसी को धोखा नहीं दे सकता है. जबकि चौकाचौंध से प्रभावित न होने वाले और जो शरीर की शोभा के लिए आभूषणों को त्याग देता है वह व्यक्ति भी कभी दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.