उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, दलाल नेता राकेश टिकैत ने हिंसा के लिए पुलिस को ही जिम्मेदार ठहराया
दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान फैली हिंसा में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का बार-बार नाम आने पर उन्होंने एक और बेतुका बयान दिया है. उनके मुताबिक यह ट्रैक्टर रैली सफल रही. इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली में हुए बबाल के लिए दिल्ली पुलिस को ही जिम्मेदार ठहरा दिया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “कल दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. इस दौरान अगर कुछ घटनाए हुई है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है. कोई भी लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस कुछ भी न करे एक गोली भी न चलाए. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा था”
इससे पहले 26 जनवरी को राकेश टिकैत ने ट्विटर पर लिखा था, “शांतिपूर्ण आंदोलन और ट्रैक्टर परेड के लिए देश के किसानों को बधाई. किसानों में आक्रोश बहुत गहरा है. फिर भी उन्होंने आमतौर पर संयम का परिचय दिया. सरकार को किसानों के आक्रोश को पहचानना होगा. सरकार को हठधर्मिता छोड़कर देशहित में किसानों की मांगे मान लेनी चाहिए.” इसके पहले 25 जनवरी को राकेश टिकैत ने लिखा था, ‘सरकार यह गलतफहमी दिमाग से निकाल दे कि किसान दिल्ली से वापिस जाएगा,जब तक बिल वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं.’
शांतिपूर्ण आंदोलन और ट्रैक्टर परेड के लिए देश के किसानों को बधाई।किसानों में आक्रोश बहुत गहरा है। फिर भी उन्होंने आमतौर पर संयम का परिचय दिया।
सरकार को किसानों के आक्रोश को पहचानना होगा।
सरकार को हठधर्मिता छोड़कर देशहित में किसानों की मांगे मान लेनी चाहिए।#StandWithFarmers pic.twitter.com/WB8mVRNKOs— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 26, 2021
आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में मंगलवार की हिंसा के बाद किसान संगठनों ने एक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द कर दिया हैं. ज्ञात होकि उस दिन संसद में बजट पेश किया जाना है. इस हिंसा में लहभग 400 पुलिस कर्मी घायल हो गए थे. वहीं इस मामले में किसान नेताओं ने कहा है कि मंगलवार की घटनाओं के पीछे एक साजिश थी और किसानों ने इस संबंध में जांच कराए जाने की मांग भी की है. किसानों ने कहा है कि कृषि कानूनों के खिलाफ अभी भी उनका आंदोलन लगातार चलता रहेगा और 30 जनवरी को देश भर में जनसभाएं और भूख हड़ताल का आयोजन किया जाएगा.
बता दें कि इस मामले में किसानों में अब दरार भी देखी जा रही है. राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने भी खुद को किसान आंदोलन से अलग कर लिया है. इसके साथ ही उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह तय रूट से अलग रूट पर जाना चाहते थे. वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि मेरा उस विरोध से कोई लेना-देना नहीं है जिसका नेतृत्व राकेश टिकैत कर रहा है. अपनी बातों को पूरा करते हुए सिंह ने कहा कि यह राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन का निजी फैसला है. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (AIKSCC) इससे अलग है.”
वहीं लाल किले पर झंडा फहराने के मामले में आरोपी माने जा रहे पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू ने भी कुछ किसानों को फेसबुक से वीडियो शेयर कर चेतावनी दी है. वीडियो में सिद्धू ने कहा, कुछ किसानों द्वारा मेरे बारे में झूठी बातें फैलाई जा रही है. बहुत कुछ जनाब-शनाब फैलाया जा रहा है. मैं इतने दिनों से यह सब सह रहा था, ताकि हमारे किसान आंदोलन को इन सब से फर्क न पड़े, सभी साथ रहे, लेकिन आप जिस तरह का बोल रहे हैं वहां मेरे लिए भी बोलना जरूरी हो गया है. उन्होंने कहा अगर मैंने इन किसान नेताओं के बारे में बोलना शुरू किया तो इन्हे दिल्ली से भागने का रास्ता भी नहीं मिलेगा.