अंधविश्वास ने दो मासूम बच्चों संग खेला खेल, परिवार ने कुत्ते से करा दी शादी, वजह थी बेतुकी
एक तरफ तो भारत तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रहा है, तो वहीं दूसरी ओर आज भी देश के कई हिस्सों में लोग अंधविश्वास के दलदल में दुबे हुए हैं। अब ओडिशा (Odisa) के मयूरभंज (Mayurbhanj) जिले के सुकरौली ब्लॉक (Sukrauli Block) के गम्भरिया गांव को ही ले लीजिए। यहां दो परिवारों ने अपने बच्चों की शादी (Child Marriage) मादा कुत्ता (Bitch) से करा दी।
इस शादी के पीछे यहां की हो (Ho) जनजाति की एक अजीबोगरीब परंपरा है। दरअसल इस जनजाति के लोग बच्चे के ऊपर के दांत पहले आने को बड़ा ‘अपशगुन’ मानते हैं। यहां दो बच्चों के पहले दांत ऊपर आ गए तो ‘हो’ जनजाति के दो परिवार ने अपने बच्चों की शादी मादा कुत्ते से करवा दी। ये शादी बड़ी धूमधाम से हुई। इसमें लोगों को भी आमंत्रित किया गया। शादी में कुत्ते को दुल्हन और बच्चों को दूल्हे की तरह सजाया गया।
यह परंपरा मकर संक्रांति से शिवरात्रि के मध्य की जाती है। यदि किसी लड़की के ऊपर के दांत पहले आते हैं तो उसकी शादी नर कुत्ते से की जाती है वहीं लड़के के केस में मादा कुत्ते को दुल्हन बनाया जाता है। यह अजीबोगरीब परंपरा समुदाय में कई पीढ़ियों से चल रही है। यही वजह है कि हाल ही में डेबेन चत्तर और नोरेन पूर्ति ने इस परंपरा का पालन कर ‘अपशगुन’ दूर करना चाहा।
Odisha: Members of a tribal community in Mayurbhanj’s Gambharia village allegedly married two children to dogs as they started teething through upper gums.
“We will take steps to create awareness in the area,” says Mayurbhanj Superintendent of Police
(25.01.2021) pic.twitter.com/2onULb6TAp
— ANI (@ANI) January 26, 2021
उधर मयूरभंज के पुलिस अधीक्षक को जब इस बात की खबर लगी तो उन्होंने कहा कि वे इलाके में जागरूकता फैलाने हेतु जरूरी कदम उठाएंगे। बताते चलें कि ओडिशा के कुछ समुदायों में कुत्ते से शादी के अलावा पेड़ से शादी कराने की अनोखी परंपरा भी है। ये इलाका अपनी इन्हीं विचित्र परंपराओं (Weird Superstitions) के चलते चर्चा का विषय बना रहता है।
इस तरह की परंपराएं देश के लिए किसी कलंक से कम नहीं है। हम अब डिजिटल इंडिया की बात कर रहे हैं। ऐसे अंधविश्वास अब रोके जाने चाहिए। खासकर जब ऐसी परंपराओं में बच्चे भी शामिल हो जाते हैं तो मामला और भी संवेदनशील हो जाता है। यदि आप भी अपने आसपास इस तरह की बेतुकी परंपराओं को होता देखें तो लोगों को जागरूक करने का काम करे। इसी में देश की भलाई है।