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अब केंद्र सरकार भी अपने रुख पर अड़ी, किसानों से साफ़ कहा इतना ही दे सकते है, विचार करना है तो करो

किसानों के मुताबिक केंद्र सरकार के साथ 11वें राउंड की बातचीत से कोई हल नहीं निकला है. यह मीटिंग काफी निराशा जनक रही. इस मीटिंग में केंद्रीय कृषि मंत्री आए और कुछ मिनिट में अपनी बात रख कर चलते बने. उन्होंने सिर्फ इतना कहा सरकार इतना ही दे सकती है. वहीं मामले में किसानों का कहना है कि उन्हें तीनों कृषि कानूनों की वापसी के अलावा कुछ भी नहीं चाहिए. जब तक यह कानून वापस नहीं होगा तब तक हम यही दिल्ली में बैठे रहेंगे.

इस मीटिंग के बाद सरकार की तरफ से किसानों से बात कर रहे कृषि मंत्री का कहना है कि सारे किसान एक जैसे नहीं है, सिर्फ कुछ ही अड़ियल हैं. यही स्वार्थी किसान नेता अपने निजी स्वार्थ के चलते कोशिश कर रहे हैं कि किसान व सरकार के बीच चल रही बातचीत किसी भी नतीजे पर न पहुंचे. इस मामले में जब किसानों से पूछा गया कि क्या वह सरकार के साथ कृषि कानूनों पर आगे भी चर्चा करेगी तो उन्होंने कहा कि अगर सरकार बुलाती है तो हम अवश्य जायेंगे.

जानें कृषि मंत्री ने किसानों से क्या कहा
किसानों के मुताबिक इस बार की बैठक काफी निराशाजनक रही. कृषि मंत्री आए और उन्होंने किसानों से कहा कि जो प्रस्ताव आपको दिया गया है, उस पर आपका क्या मत है. फिर मंत्री वहां से चले गए. इसके बाद लंच ब्रेक हो गया. मंत्री एक बार फिर से पांच मिनट के लिए मीटिंग में आए, लेकिन इस दौरान मीटिंग का कोई नतीजा नहीं निकल पाया.

कैसे शुरू हुआ आंदोलन
किसानों और सरकार के बीच यह आंदोलन सरकार द्वारा प्रस्तावित कृषि कानूनों के खिलाफ शुरू हुआ था. किसानों ने अपना विरोध पंजाब में शुरू किया था. इसके बाद वह दिल्ली में जमा होना शुरू हो गए, सरकार के नहीं मानने पर किसान दिल्ली की बॉर्डर पर ही जम गए. अब किसानों को दिल्ली में धरना देते हुए लगभग दो महीने होने आ चुके है. गौरतलब है कि 4 अक्टूबर को किसानों व सरकार के बीच पहली बार बैठक हुई थी. उसके बाद से 11 दौर की बातचीत शुक्रवार तक हो चुकी है. इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन करके विवाद को ख़तम करने का रास्ता सुझाया था.

ज्ञात हो कि किसान और सरकार के बीच शुक्रवार को हुई मीटिंग बेनतीजा रही. अब किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकलने की तैयारी में जुट गए है. पंजाब के जालंधर और पटियाला से इस रैली के लिए दिल्ली में ट्रैक्टर्स आना शुरू हो चुके है. किसान संगठन के मुताबिक इस रैली में एक लाख से ज्यादा ट्रैक्टर शामिल होने वाले है. 23 जनवरी को इस ट्रैक्टर रैली का रिहर्सल भी किया जाएगा. अभी तक किसानों को सरकार और पुलिस से इस रैली के लिए मंजूरी नहीं मिली है, फिर भी किसान रैली करने के लिए अड़े हुए है. पुलिस के आंसू गैस और बेरीकेट्स से बचने के लिए किसानों ने ख़ास तरह के ट्रैक्टर्स तैयार किए है. इस रैली को प्रोटेक्ट करने के लिए किसानों ने पंजाब से जेसीबी और फसल काटने वाली मशीने भी बुलवा ली है.

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