22 जनवरी को शनि कर रहे हैं नक्षत्र परिवर्तन, जानें आपकी राशि पर कैसा पड़ेगा इसका असर
22 जनवरी को शनि देव श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं। इस नक्षत्र में प्रवेश करते ही हर राशि पर इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। कुछ राशियों के लिए शनि देव का ये परिवर्तन शुभ साबित होगा। जबकि कुछ राशियों पर इसका अशुभ असर पड़ेगा। तो आइए बिना देरी किए जानते हैं कि शनि देव के इस परिवर्तन से आपके जीवन पर क्या असर होगा।
क्या होती है शनि का पाया
शनि के राशि परिवर्तन के समय अगर चंद्रमा पहले, छठे और ग्यारहवें स्थान में हों तो उसे सोने का पाया कहा जाता है। अगर ये दूसरे, पांचवें और नवम स्थान में हो तो इसे चांदी के पाया कहते हैं। जब शनि देव तीसरे, सातवें एवं दसवें स्थान में हों तो उसे तांबे का पाया और चौथे, आठवें तथा बारहवें स्थान में हो, तो लोहे की पाया मानी जाती है। जिस राशि को जो पाया मिलती है। उसके आधार पर ये गणना की जाती है कि राशि के जातक का जीवन आगे कैसे होने वाला है।
मेष, कर्क और वृश्चिक राशि – ताम्र पाया
ज्योतिष गणना के अनुसार शनि के श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करने से मेष, कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। इन राशियों को शनि का ताम्र पाया प्राप्त होगा। ऐसे में इन राशि के जातकों को आगे चलकर शुभ समाचार सुनने को मिलेगा। कार्य और व्यापार में तरक्की होगी और भौतिक सुखों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।
वृषभ, कन्या और धनु राशि – रजत पाया
इस साल वृष, कन्या और धनु राशि को शनि का रजत पाया प्राप्त हुई है। इसका अर्थ है कि इन सभी राशि के जातकों को धन प्राप्ति होगी। साथ में ही रुके हुए सारे काम भी बन जाएंगे। कार्यक्षेत्र में तरक्की देखने को मिलेगी और हर कार्य सफल होगा। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनीं रहेगी और निजी जीवन में सकारात्मक फल की प्राप्त होंगे।
मिथुन, तुला और कुंभ – लौह पाया
इस साल शनि की लौह पाया मिथुन, तुला और कुंभ राशि के हिस्से में आई है। जिसके कारण इस साल इन राशि के जातकों को थोड़ी सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नौकरी-व्यापार में दिक्कत होगी। इन राशियों के लोग थोड़ा संभलकर ही फैसला लें और किसी भी चीज को अपने पर हावी न होने दें। मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और खर्चों में भी वृद्धि होगी।
सिंह, मकर और मीन राशि – स्वर्ण पाया
सिंह, मकर और मीन राशि के जातकों को इस साल शनि की स्वर्ण पाया प्राप्त हुई है। इस का अर्थ है कि इन राशि के जातकों को संघर्ष खूब करना पड़ेगा। अपने शत्रुओं से संभलकर रहें और महत्वपूर्ण निर्णय को लेते समय बड़े बुजुर्गों की सलाह जरूर लें।
इस तरह से करें शनि देव को प्रसन्न
शनि देव के इस परिवर्तन से जीवन पर कोई बुरा प्रभाव न पडे़। इसके लिए आप नीचे बताए गए उपायों को करें। इन उपायों को करने से शनिदेव आपके अनुकूल ही फल देंगे।
- शनिवार के दिन मंदिर जाकर पूजा करें और शनिदेव को सरसों का तेल और काले तिल जरूर चढ़ाएं। इस दिन शनिदेव के अलावा हनुमान जी की पूजा भी जरूर करें।
- शनिवार को लोहे व काली चीजों का दान जरूर करें। साथ में ही गरीब लोगों को भोजन भी करवाएं।
- इस दिन शाम के समय पीपल के पेड़ की पूजा भी जरूर करें। पीपल के पेड़ की पूजा करते हुए इस पेड़ की जड़ पर सरसों का तेल अर्पित करें। उसके बाद सरसों के तेल का एक दीपक जला दें और इस पेड़ की परिक्रमा करें। ये उपाय करने से भी शनिदेव प्रसन्न हो जाएंगे।
- शनिदेव के मंत्रों का जाप करें और इनसे जुड़ी कथा को पढ़ें। शनिदेव के मंत्रों का जाप कम से कम 51 बार करें। साथ में ही ये जाप केवल काली माला पर ही करें।
शनि देव को प्रसन्न करने के मंत्र
– “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
– “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
– “ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये।