केंद्र सरकार ने पैलेट गन के इस्तेमाल पर ऐसी बात कही की पत्थरबाजों के होश उड़ गए..!
जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों को सबक सिखाने के लिए सुरक्षा बलों के सबसे बड़ा हथियार साबित हुई पैलेट गन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए पैलेट गन आखिरी विकल्प है.
पैलेट गन का इस्तेमाल आखिरी विकल्प :
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों पर पैलेट गन का प्रयोग आखिरी विकल्प के तौर पर किया जा रहा है. इसका उद्देश्य किसी को जान से मारना या किसी की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाना नहीं है. उन्होंने बताया कि जब प्रदर्शनकारी सुरक्षाबलों पर हावी होने का प्रयास करते हैं या बहुत ज्यादा उत्पात करते हैं तब और भीड़ नहीं भागती है तो मजबूरन सुरक्षा बलों को पैलेट गन का प्रयोग करना पड़ता है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या केंद्र पैलेट गन की जगह कोई दूसरा विकल्प तलाश रहा है. कोर्ट ने ऐसे गंदे पानी, बदबूदार पानी जैसे विकल्पों की बात की जिससे भीड़ परेशान होकर भागे. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर बार एसोसिएशन ने जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में पैलेट गन के खिलाफ एक याचिका दाखिल की थी. इस मामले में अभी सुनवाई जारी है.
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में केंद्र से पैलेट गन का विकल्प लाने पर विचार करने को कहा था और 10 अप्रैल तक इस मामले में जवाब देने का आदेश दिया था. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने बताया कि सरकार रबर पैलेट के विकल्प पर विचार कर रही है.
इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ऐसे विकल्प खोजने के लिए कहा जिनसे दोनों पक्षों को नुकसान नहीं हो. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि सुरक्षा बलों का उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं होता है. लेकिन उस समय खुद को अपनी टीम को और सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा करना भी सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी होती है.
गौरतलब है कि बीते दिनों जम्मू कश्मीर में उपचुनावों के दौरान प्रदर्शनकारियों ने खूब हिंसा की यह कोई सामान्य प्रदर्शनकारी नहीं थे इनकी वजह से चुनाव प्रक्रिया बाधित हुई और इनपर काबू पाना आसान भी नहीं है. ऐसे में सेना या सुरक्षा बलों के पास पैलेट गन से बेहतर उपाय कोई और फिलहाल नहीं है.