यहां हनुमान जी से व्हाट्सएप पर लगाते हैं अर्जी, मैसेज मिलते ही तुरंत पूरी होती है हर मनोकामना!
भोपाल के नेहरूनगर में स्थित हनुमान जी के बारे में जानकर आपकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहेगा। यहां के हनुमान जी के भक्त दूर-दूर बसे हुए हैं और अपनी बात हनुमान जी तक पहुंचाने के लिए आजकल सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। इस मंदिर में जो भी अर्जी लगाता है, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले इस मंदिर में लोग अपनी मुरादें पूरी करवाने के लिए चिट्ठियों में माध्यम से अर्जी लगाते थे। समय बदला, अब ये काम सोशल मीडिया के माध्यम से होने लगा है।
अब समय की कमी की वजह से दूर बसे हुए लोग मंदिर के पुजारी या अपने किसी सगे-सम्बन्धी को व्हाट्सएप पर मैसेज कर देते हैं और वो लोग अर्जी वाला मैसेज भगवान के सामने पढ़ देते हैं। अर्जी वाले हनुमान मंदिर के बारे में वहां के मुख्य पुजारी ने बताया कि इस मंदिर में कई वर्षों से लोग अपने मन की मुराद पूरी करने के लिए अर्जी लगाने आते हैं। उनमें से कुछ लोग इस समय भारत के अन्य शहरों में जा बसे हैं, लेकिन उनकी श्रद्धा कम नहीं हुई है।
हनुमान जी से व्हाट्सएप पर अर्जी:
इस वजह से वह सोशल मीडिया के माध्यम से भगवान से जुड़े रहते हैं। आप भी इस मंदिर में श्रद्धा से कुछ मांगेंगे तो आपकी भी मनोकामना पूर्ण होगी। पंडित जी ने बताया कि पहली बार तीन साल पहले राहुल गुप्ता नामक व्यक्ति ने हनुमान जी से व्हाट्सएप पर अर्जी लगायी थी। पहले हमें हैरानी हुई, लेकिन फिर कई लोगों ने इस तरह से अर्जियां लगानी शुरू कर दी। जो लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं वह भी वहीँ से मोबाइल पर भगवन से अर्जी लगा देते हैं।
वीडियो कालिंग के जरिये दिखाई जाती है आरती:
कई मरीजों को वीडियो कालिंग के जरिये भगवान की आरती दिखाई गयी तो बहुत फायदा हुआ था। अगर कोई भी व्यक्ति हनुमान जी से अपने मन की मुराद पूरी करवाना चाहता है तो इस नंबर 9827331604 पर मैसेज कर सकता है। जो भी भक्त इस मंदिर में आता है वह सफेद कागज पर अपनी अर्जी लिखकर एक नारियल से उसे बांधकर भगवान के चरणों में रख देता है। जबकि बाहर रहने वाले भक्तों के सन्देश व्हाट्सएप के जरिये आते हैं और पंडित जी उन्हें पढ़ते हैं।
फोन आने पर लगाया जाता है हनुमान जी के कान से:
फेसबुक पर भी यही काम होता है। जो भक्त फोन करके हनुमान जी को अपनी समस्या बताना चाहते हैं, फोन आने पर फोन को हनुमान जी के कानों पर भी लगाया जाता है। इसके बाद कोई भी अपनी समस्या हनुमान जी को सुना सकता है।