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सऊदी अरब ने महिला को 6 साल की सजा सुनाई क्योंकि वह महिलाओं को ड्राइविंग का हक दिलाना चाहती थी

सऊदी अरब के एक कोर्ट ने सोमवार को 31 वर्षीय सोशल एक्टिविस्ट लुजैन अल हथलौल को पांच साल आठ महीने की सजा सुनाई है। लुजैन 15 मई 2018 से जेल में हैं। उनके ऊपर आरोप लगा है कि वे देश की राजनीतिक व्यवस्था को बदलना चाहती हैं। ऐसे में उन्हें देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। असल में लुजैन की गलती बस यही थी कि उन्होंने सऊदी अरब की महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिलाने के लिए कैम्पेन चलाया था। हालांकि बाद में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इसे उदारवादी मांग बताते हुए महिलाओं को गाड़ी चलाने का अधिकार दिलवा दिया था।

पिछले दो सालों से जेल में बंद लुजैन मार्च के आखिर तक रिहा कर दी जाएंगी। दरअसल उनकी दो साल दस महीने की सजा को रद्द कर दिया गया है। इसलिए वे तय वक्त से पहले ही रिहा हो रही हैं। इस रिहाई के सात दो शर्तें भी रखी गई है। पहली शर्त ये कि वे पांच साल तक किसी अन्य देश का सफर नहीं कर सकती हैं। दूसरी शर्त के मुताबिक उन्हें किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन या कैम्पेन में भाग लेने की इजाजत नहीं होगी।

जब सोमवार को कोर्ट ने यह सजा सुनाई तो लुजैन की बहन लीना ने बोला कि – मेरी बहन एक एक्टिविस्ट है, टेरेरिस्ट नहीं। उसे इस तरह की सजा देना सरासर गलत है। उन्होंने ऐसे अधिकारों के प्रति आवाज उठाई थी जिन्हें वर्तमान में हमारे प्रिंस खुद दे रहे हैं। हम कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ अपील करेंगे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लुजैन को 2014 में भी हिरासत में लिया गया था। तब वे सऊदी अरब में कार ड्राइव कर रही थी। दरअसल ये वह साल था जब देश में महिलाओं को ड्राइविंग करने की अनुमति नहीं थी। तब वे 74 दिनों बाद जेल से छूटी थी। उनकी यह रिहाई अमेरिका और यूएन के दबाव के बाद की गई थी।

इस मामले पर अमेरिका भी नजर बनाए हुए है। गौरतलब है कि जो बाइडेन 20 जनवरी को कुर्सी संभालने वाले हैं। वे हमेशा से ही मानवाधिकारों को लेकर सख्त रहे हैं। उधर अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में बोला कि हम लुजैन को सजा दिए जाने को लेकर टेंशन में हैं। आशा करते हैं कि उन्हें जल्द रिहा कर दिया जाएगा। वहीं अमेरिका के अगले NSA जैक सुलिवान बोले कि – हम ये मामला रियाद के सामने उछालेंगे।

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