ओडिशा में खुले आम घूम रहे हैं ब्रिटेन से लौटे 62 यात्री, ट्रेस करने में लगी हुई है सरकार मगर…
ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप पाए जाने से दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है और कई देशों ने ब्रिटेन से हवाई सेवा भी बंद कर दी है। भारत सरकार ने भी ब्रिटेन और भारत के बीच चलने वाली सभी उड़ानों पर रोक लगा दी है। हालांकि रोक लगाने से पहले ही कई सारे लोग ब्रिटेन से भारत आ चुके हैं और अब सरकार इन्हें ट्रेस करने में लगी हुई है।
ओडिशा सरकार के अनुसार उनके राज्य में 30 नवम्बर से 20 दिसम्बर तक ब्रिटेन से कुल 181 यात्री लौटे हैं और 119 यात्रियों में से 6 कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। जबकि अन्य यात्रियों का कुछ पता नहीं चल सका है। क्योंकि इन 62 यात्रियों ने घोषणा पत्रों में गलत पता और टेलीफोन नंबर दिए हैं। ओडिशा सरकार का कहना है कि उनके राज्य में ब्रिटेन से लौटे 62 यात्री छुपे हुए हैं और इन यात्रियों को ट्रेस करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
दरअसल ओडिशा आते समय ब्रिटेन से लौटे सभी यात्रियों से घोषणा पत्र भरवाया गया था। जिसमें कई यात्रियों ने गलत जानकारी दी है। ताकि उनको पकड़ा न जा सके। 62 यात्रियों की इस गलती के कारण राज्य में कोरोना का खतरा बढ़ सकता है। डॉ जन स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र ने कहा कि 30 नवंबर से 20 दिसंबर, 2020 के बीच लगभग 181 यात्री ब्रिटेन से लौट कर ओडिशा आए हैं। इनमें से 119 व्यक्तियों का विभिन्न चरणों में कोविड-19 परीक्षण हो चुका है और उनमें से छह कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। जबकि 62 यात्रियों ने घोषणा पत्र और टेलीफोन नंबर गलत दिए थे। जिसके कारण उनका पता लगाना या संपर्क करना मुश्किल हो गया है।
मिश्र ने आगे कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि सभी 62 व्यक्ति 14 दिन की संगरोध अवधि पूरी कर चुके हैं। भले ही वे कहीं भी हो। हम उन्हें ट्रेस करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनके जीनोम अनुक्रमण का पता लगाया जा सके।
गौरतलब है कि ब्रिटेन में वायरस के नए संक्रमण का पता चलने के बाद केंद्रीय सरकार ने यहां से लौटे याात्रियों को ट्रेस करने को कहा है। केंद्रीय सरकार ने सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की है और एडवाजरी में कहा है कि भारत लौटने वाले यात्रियों के कोविड-19 पाजिटिव पाए जाने पर उनके स्वाब के नमूनों को जीनोम अनुक्रमण पता लगाने के लिए भेजा जाए। जीनोम अनुक्रमण के लिए केंद्र ने कुल 6 संस्थानों और प्रयोगशालाओं की पहचान की है। जिनमें भुवनेश्वर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स भी शामिल है।