एयर इंडिया के लिए टाटा ग्रुप लगा सकती है बोली, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से की थी स्थापना
कर्जे के बोझ में दबी राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप सोमवार को अभिरुचि पत्र सरकार को सौंप सकती है यानी कि अब एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा बोली लगाने वाली है। आपको बता दें कि भारत में एयरलाइंस की शुरुआत टाटा समूह के मुखिया जेआरडी टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप में की थी बाद में इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया। भारत सरकार ने 1953 में एयर इंडिया को अपने अधिकार क्षेत्र में ले लिया था।
बता दें कि एयर इंडिया के लिए 2018 में भी बोली लगवाई गई थी परंतु उस दौरान कोई भी खरीदार सामने नहीं आया था। उस समय के दौरान सरकार ने 76% हिस्सेदारी बिक्री करने की पेशकश की थी परंतु इस बार 100% हिस्सेदारी की बिक्री करने की पेशकश है, जिसकी वजह से कई कंपनियां इसमें अपनी रुचि दिखा रही हैं। अब इसे खरीदने के लिए कई लोग सामने आ रहे हैं।
उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पिछले वर्ष ऐसा कहा था कि “अगर एयर इंडिया का निजीकरण नहीं किया गया तो इसे बंद करना पड़ सकता है।” उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी जी ने रविवार को यह कहा कि यह (एयर इंडिया का डिवेस्टमेंट) एक गोपनीय प्रक्रिया है। संबंधित विभाग (डीआईपीएएम) उचित समय पर टिप्पणी करेगा।
सूत्रों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि टाटा ग्रुप एयर इंडिया के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट फाइल कर सकता है हालांकि आधिकारिक तौर पर किसी ने भी इस बारे में कुछ नहीं कहा है। स्पाइसजेट के अजय सिंह भी एयर इंडिया पर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं, परंतु स्पाइसजेट ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
Tata Group to file an Expression of Interest for Air India today. Tata group will use Air Asia as a vehicle where Tata Sons has a significant majority stake: Sources pic.twitter.com/bonhekaHJm
— ANI (@ANI) December 14, 2020
कोरोना वायरस की वजह से यात्रा की मांग में भारी गिरावट देखने को मिली है, जिसकी वजह से दक्षिण-पूर्व एशिया कंपनी लाभ बढ़ाने की कोशिश में लगी हुई हैं। अगर हम एयर इंडिया की बात करें तो इस पर करीब 90 हजार करोड़ रुपए ऋण सह देनदारियां हैं। आपको बता दें कि वर्तमान में टाटा संस सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विस्तारा एयरलाइंस का परिचालन करता है। ग्रुप ने तय किया है कि वह बजट कैरियर एयर एशिया इंडिया के माध्यम से एक इंडिया के रूटों पर संचालन करेगा। वैसे भी सिंगापुर एयरलाइंस पहले से ही घाटे में चल रही है, ऐसी स्थिति में इंडिया के निजीकरण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उत्सुक नहीं दिखाई दे रहा है।
सूत्रों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि एयर एशिया इंडिया को विस्तारा से पहले गठित किया गया था, जिसकी वजह से इसके जरिए उड्डयन के व्यापार में टाटा समूह को प्रॉफिट मिल सकता है। हाल ही में टाटा संस ने एयर एशिया इंडिया में अपनी हिस्सेदारी को 51% बढ़ा दी है।
रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि एयर इंडिया के करीब 200 कर्मचारियों के एक ग्रुप ने भी कंपनी को खरीदने के लिए बोली लगाने की इच्छा जताई है। आज यह कर्मचारी आधिकारिक रूप से अभिरुचि पत्र दायर कर सकते हैं। खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों के समूह का दावा है कि उनके साथ एक फाइनेंसर भी है। वैसे यह माना जा रहा है कि टाटा ग्रुप इस बोली में आसानी से विजयी होगी।