किसानों को समझाने के लिए सरकार ने बनाया प्लान, इस तरह किसानों तक बात पहुंचाने की है तैयारी
इस समय हर तरफ किसान आंदोलन की चर्चा हो रही है। कई हफ्तों से किसानों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान बढ़ती ठंड और घने कोहरे के बीच भी दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। लगातार सरकार से मांग की जा रही है कि वह तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दें, हालांकि सरकार ने यह साफ कर दिया है कि यह कानून किसान भाइयों के हित में है। किसानों का ऐसा आरोप है, कि केंद्र सरकार ने नए कानूनों को लेकर हमारे संगठनों से व्यापक चर्चा नहीं की और हमें धोखे में रखा है।
कृषि मंत्रालय का ऐसा कहना है कि हमारे अधिकारी लगातार किसानों, किसान संगठनों और किसान प्रतिनिधियों के संपर्क में रहे हैं इसके अलावा ग्रामीण स्तर पर हजारों छोटी सभाओं के जरिए इन सभी सुधारों के विषय में जानकारी दी गई थी। कृषि मंत्रालय का ऐसा कहना है कि जून 2020 से नवंबर 2020 तक के बीच में हजारों वेबीनार हुए जिसमें एक करोड़ किसानों ने हिस्सा लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि कृषि मंत्रालय के एक अफसर ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान यह बताया था कि किसानों को नए कानूनों के विषय में जानकारी प्रदान करने के लिए कृषि मंत्रालय की एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एजेंसी की तरफ से हजारों वेबीनार आयोजित किए गए। अप्रैल में अध्यादेश लाने के पश्चात किसानों और उनके संगठनों से कई लंबी चर्चाएं हुई थीं। वर्ष 2020 जून के महीने में 708 वेबीनार आयोजित हुए। इस वेबीनार में करीब 21 हजार से अधिक किसानों ने हिस्सा लिया था।
वहीं जुलाई के महीने में 873 वेबीनार हुए थे, जिसमें 26 हजार किसान जुड़े थे। नया कानून पारित होने से पहले सितंबर महीने में चार वेबीनार हुए थे और इसमें लगभग एक लाख किसानों ने भाग लिया था। इसके पश्चात अक्टूबर और नवंबर के महीने में लगातार वेबीनार हुए जिसमें 90 लाख किसानों ने भाग लिया और इस मामले पर चर्चा भी की गई थी। किसानों और किसान संगठनों से इस मामले पर जो चर्चा हुई थी, उसका पूरा फीडबैक लिया गया और कृषि मंत्री और मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों को यह दिया गया।
सरकार के लिए इस समय किसान आंदोलन एक चिंता का विषय बना हुआ है। कृषि कानूनों के पारित होने के पश्चात यह बवाल लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कृषि मंत्रालय में इस विषय में लगातार बैठक हो रही हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी लगातार किसान संगठनों के नेताओं को कानून के नियमों के बारे में बता रहे हैं और नए कानूनों को लेकर रोजाना ही चर्चा हो रही है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ही नहीं बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी संगठनों से लगातार बातचीत कर रहे हैं और नए कानूनों के बारे में उनको समझाने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि किसानों के विरोध प्रदर्शन का जवाब देने के लिए भाजपा ने भी नए प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। भाजपा किसानों के बीच जाकर उनको नए कृषि बिल के बारे में जागरूक कराने का प्लान बना रही है। जनसंपर्क आयोजित कर, प्रेस कॉन्फ्रेंस आदि के माध्यम से भाजपा किसानों को इस नए कृषि बिल के बारे में समझाने की कोशिश करेगी ,भाजपा ने देश के हर जिले में अपना काम तेज कर दिया है।