आम आदमी पार्टी से छिना पार्टी दफ्तर, नियमों को ताक पर रख कर हुआ था आवंटन!
दिल्ली में निकाय चुनाव नजदीक हैं ऐसे में सियासी उठापटक जारी है. एक तरफ सभी पार्टियां दिल्ली में एमसीडी चुनावों में ताकत झोंके हुए हैं तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी की मुश्किलें और ज्यादा बढती जा रही हैं.
आदमी पार्टी को दिए गए दफ्तर का आवंटन रद्द :
एक तरफ शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद वैसे ही अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी के चरित्र पर भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी के आरोप लग रहे हैं. तो दूसरी तरफ शुक्रवार को दिल्ली के एलजी ने आम आदमी पार्टी को दिए गए दफ्तर की जमीन आवंटन को रद्द कर दिया है.
इसपर आप नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने इसे डर्टी ट्रिक्स बताया.
LG has cancelled Aam Aadmi Party head office allotment: Sanjay Singh,AAP pic.twitter.com/IXOGXqj56U
— ANI (@ANI) April 7, 2017
उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता बीजेपी की केंद्र सरकार के डर्टी ट्रिक्स को देख रही है और एमसीडी चुनाव में जवाब देगी. संजय सिंह ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि बीजेपी आप के साथ दुश्मनी निभा रही है.
जल्द दफ्तर खाली करने का आदेश-
आपको बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आम आदमी पार्टी को आवंटित दफ्तर का आवंटन रद्द कर दिया. उपराज्यपाल ने जल्द से जल्द दफ्तर खाली करने का आदेश दिया है. आम आदमी पार्टी को राउस एवेन्यू में दफ्तर आवंटित किया गया था. पिछले दिनों शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में इस दफ्तर के आवंटन पर भी आपत्ति दर्ज की गयी थी.
पार्टी पर आरोप है कि दफ्तर आवंटन के लिए सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है. इतना ही नहीं शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक दफ्तर आवंटन के लिए नियमों में बदलाव भी किये गए थे. इस लिहाज से आम आदमी पार्टी ने अवैध तरीके से दफ्तर हासिल किया है.
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के राजनीति और फिर सत्ता में आने के पीछे सबसे बड़ा कारण राजनैतिक दलों द्वारा किये जाने वाले असंवैधानिक काम, धोखाधड़ी और मनमानी था. आम आदमी पार्टी ऐसे मुद्दों की मुखालफत करते हुए इन्हें ही अपना एजेंडा बनाकर राजनीति में आयी थी. लेकिन शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद से आप के समर्थकों का पार्टी और अरविन्द केजरीवाल से भरोसा उठने लगा है.