विशेष
अनुसूचित नियोजनों में न्यूनतम वेतन और
रायपुर, 31 मार्च 2016/ राज्य सरकार के श्रमायुक्त कार्यालय ने अनुसूचित नियोजनों में 01 अप्रैल 2016 से 30 सितम्बर 2016 तक के लिए न्यूनतम वेतन और परिवर्तनशील महंगाई भत्ते की संशोधित दरें जारी की है। अनुसूचित नियोजनों में काम करने वाले कुशल, अर्धकुशल एवं अकुशल श्रमिकों को 01 अप्रैल से बढ़े हुए दर पर वेतन मिलेगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर श्रमिकों के न्यूनतम वेतन में प्रतिदिन 9 रूपए 50 पैसे तथा मासिक वेतन में 247 रूपए प्रति माह की बढ़ोतरी की गई है। परिवर्तनशील महंगाई भत्ते की संशोधित दरों के अनुसार प्रदेश के 45 अनुसूचित नियोजनों में कार्य करने वाले कुशल श्रमिकों को अब न्यूनतम छह हजार 549 रूपए प्रति माह एवं प्रतिदिन 252 रूपए के हिसाब से वेतन मिलेगा। इसी तरह अर्धकुशल श्रमिकों को प्रतिमाह छह हजार 289 रूपए एवं प्रतिदिन 242 रूपए और अकुशल श्रमिकों को छह हजार 107 रूपए एवं प्रतिदिन 235 रूपए के हिसाब से वेतन का लाभ मिलेगा। विभिन्न नियोजनों में कार्यरत् श्रमिकों के न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ते की नई दरों की जानकारी श्रम विभाग की वेबसाइट ूूूण्बहसंइवनतण्हवअण्पद (डब्लूडब्लूडब्लू डॉट सीजी लेबर डॉट जीओवी डॉट इन) पर उपलब्ध है।
श्रमायुक्त कार्यालय के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि परिवर्तनशील महंगाई भत्ते की संशोधित दरों के अनुसार पॉवर प्लांट, स्पंज आयरन, रोलिंग मिल, कॉस्टिंग उद्योग, सीमेंट फैक्ट्री, सुरक्षा गॉर्ड, मुद्रणालय, शासकीय विभागों में दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों और अगरबत्ती नियोजन में काम करने वाले श्रमिकों को भी बढ़े हुए महंगाई भत्ते का लाभ मिलेगा। कृषि श्रमिकों को 01 अपै्रल 2016 से प्रतिदिन 163 रूपए एवं मासिक चार हजार नौ सौ चार रूपए मजदूरी प्राप्त होगी। कृषि श्रमिकों की न्यूनतम वेतन में 6.63 रूपए की वृद्धि हुई है। रायपुर नगर निगम सीमा तथा नगर निगम सीमा के 16 किलोमीटर क्षेत्र तक, बीरगांव नगर पालिका और उरला एवं सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को 20 रूपए प्रतिदिन के मान से विशेष वेतन भी प्राप्त होगा। इसी तरह से दस रूपए प्रतिदिन के हिसाब से विशेष वेतन भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, चिरमिरी और जगदलपुर नगर निगम एवं नगर निगम सीमा से आठ किलोमीटर तक के क्षेत्र में एवं धमतरी, भिलाई-चरोदा नगर पालिका एवं नगर पालिका सीमा से पांच किलोमीटर तक के क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों को अतिरिक्त रूप से मिलेगा।