सुशांत को इंसाफ दिलाने के लिए भूख हड़ताल पर बैठेंगे दोस्त व पूर्व कर्मचारी, कहा-CBI कर रही देरी
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत को काफी महीने बीत गए हैं, लेकिन अभी तक इनकी मौत का सच पता नहीं चल सका है। सीबीआई द्वारा सुशांत केस की जांच की जा रही है। मुंबई में कई दिनों तक जांच करने के बाद सीबीआई की टीम वापस दिल्ली आ गई है। जहां पर सीबीआई की टीम को एम्स के डॉक्टरों के साथ एक मीटिंग करनी थी। लेकिन सीबीआई की ओर से इस मींटिग को टाला जा रहा है। सीबीआई के इसी रवैये से तंग आकर अब सुशांत के दोस्त गणेश हिवारकर और एक्स मैनेजर अंकित आचार्य ने भूख हड़ताल करने का फैसला किया है। गणेश हिवारकर और अंकित आचार्य के अनुसार सीबीआई केस को हल करने में देरी कर रही है। जिसके कारण वो ये भूख हड़ताल कर रहे हैं। साथ में ही इनको ये डर भी है कि सीबीआई किसी दवाब में आकर केस का रुख ना बदल दें।
2 अक्टूबर को करें भूख हड़ताल
गणेश हिवारकर और अंकित आचार्य ने भूख हड़ताल करने के लिए 2 अक्टूबर का दिन चुना है। इनके अनुसार पिछले कुछ हफ्तों से सीबीआई के पास इस केस से जुड़ा कोई भी अपडेट नहीं है और इस केस में देरी की जा रही है। वहीं हाल ही में सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने भी ये मुद्दा उठाया था।
मीडिया से बात करते हुए विकास सिंह ने कहा था कि सीबीआई की और से काफी देरी की जा रही है। एक तरफ नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय बेहद ही तेजी से काम कर रहे हैं और कई लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। जबकि सीबीआई एकदम शांत बैठी हैं। इस केस को लेकर सीबीआई की और से कोई भी अपडेट नहीं दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि सुशांत केस की जांच मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त को अभिनेता की मौत की जांच के आदेश सीबीआई को दिए थे। जिसके बाद सीबीआई की एक टीम मुंबई गई थी। जहां पर कई दिनों तक सुशांत के करीबी लोगों से पूछताछ की गई थी। दूसरी तरफ एम्स की डॉक्टरों की एक टीम ने सुशांत के विसरा की जांच की थी। कुछ समय तक इस केस की जांच मुंबई में करने के बाद सीबीआई की टीम वापस दिल्ली आ गई है। जहां पर इन्हें एम्स के डॉक्टरों के साथ मीटिंग करनी थी। जिसमें सुशांत की विसरा रिपोर्ट सीबीआई को सौंपी जानी थी। लेकिन ये मींटिग अभी तक नहीं की गई है। सीबीआई की और से हो रही इसी देरी पर सुशांत के वकील ने सवाल उठाए थे। वहीं अब सुशांत के दोस्त 2 अक्टूबर को भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं।