महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व बेटे आदित्य पर लगे गंभीर आरोप, हो सकती है 6 महीने जेल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और उनके बेटे आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के खिलाफ चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया है। जिसके बाद अब इस मामले की जांच सीबीडीटी को सौंपी गई है। इन दोनों नेताओं के अलावा एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और गुजरात के विधायक नाथाभाई ए पटेल के खिलाफ भी चुनावी हलफनामे में संपत्ति और देनदारी की गलत जानकारी देने का आरोप है। इन चारों नेताओं के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत की गई है। वहीं शिकायत मिलने के बाद चुनाव आयोग ने इसकी जांच सीबीडीटी को सौंप दी है।
शिकायतकर्ताओं ने अपनी बात साबित करने के लिए कई सारे दस्तावेज भी चुनाव आयोग को सौंपे हैं। जो कि उनके इस दावे को पक्का करते हैं। वहीं इन दस्तावेजों को पढ़ने के बाद चुनाव आयोग ने बिना कोई देरी किए इसकी जांच सीबीडीटी के पास भेज दी है। जो कि जांच कर जल्द ही अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपेगी। वहीं सीबीडीटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही चुनाव आयोग आगे की कार्यवाही करेगा और दोषी पाए जाने पर इन नेताओं को मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
हो सकती है जेल
अगर जांच में इन चारों नेताओं पर लगाए गए आरोपों को सही पाया जाता है। तो इन नेताओं पर रिप्रजेटेंशन ऑफ पीपल एक्ट की धारा 125 ए के तहत सीबीडीटी केस दर्ज करेगी। इस सेक्शन के तहत अधिकतम 6 महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।
गौरतलब है कि चुनाव लड़ने से पहले चुनावी हलफनामा भरना होता है। जिसमें उम्मीदवार को अपनी सभी तरह की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होती है। चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामले, संपत्ति, देनदारी, शैक्षिक योग्यता और इत्यादि तरह का ब्योरा भरा जाता है। साल 2013 में ही चुनाव आयोग ने हर उम्मीदवार की ओर से दी गई लिखित जानकारी की जांच सीबीडीटी करेगी ये नियम बनाया था। वही अब इस नियम के तहत सीबीडीटी जांच कर रही है।