आखिर क्यों हमेशा काला चश्मा पहने रहते हैं ये खास सुरक्षा कर्मी, जानने के लिए देखें वीडियो!
आपने अक्सर बड़े बड़े नेताओं के आस पास काला चश्मा पहने सुरक्षा कर्मियों को देखा होगा. ये सुरक्षा कर्मी पीएम सीएम और सभी बड़े वीवीआईपी लोगों के इर्द गिर्द देखने को मिल जाते हैं. इन्हें देखकर हमेशा एक बात दिमाग में आती है कि आखिर ये हर वक्त काला चश्मा क्यों पहने रहते हैं. अपने से तमाम सीनियर्स के साथ इस तरह से इनका काला चश्मा पहने रहना क्या प्रोटोकॉल का उल्लंघन है.
हमेशा काला चश्मा पहने रहते हैं ये खास सुरक्षा कर्मी :
एक बार ऐसे ही बस्तर के डीएम ने पीएम मोदी का स्वागत करते वक्त काला चश्मा पहन रखा था. जो मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरा. बहुत से लोगों का कहना था कि डीएम ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है उन्हें अपने सीनियर यानी कि पीएम मोदी के सामने इस तरह से काला चश्मा पहनकर नहीं आना चाहिए था क्योंकि काला चश्मा पहनना फॉर्मल ड्रेस का हिस्सा नहीं है.
लेकिन पीएम मोदी और ऐसे तमाम बड़े नेताओं और वीआईपी लोगों के साथ कुछ ऐसे लोग होते हैं जो फॉर्मल ड्रेस में भी होते हैं और हमेशा काला चश्मा भी पहने होते हैं. दरअसल वो स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के जवान होते हैं. जिन्हें अपनी ड्यूटी करने के लिए काला चश्मा पहनना जरूरी होता है.
इस ग्रुप (एसपीजी) में आईपीएस अधिकारियों को डेप्युटेशन पर भेजा जाता है साथ ही इसमें अन्य अर्द्ध सैनिक और सुरक्षा बलों के अधिकारी भी शामिल होते हैं. यह कई स्तरों की सुरक्षा व्यवस्था होती है. इसमें सुरक्षा प्रणाली के तहत कई लेयर तैयार की जाती हैं. इसके तहत सुरक्षा कर्मियों को काला चश्मा पहनना ही पड़ता है.
उनके काला चश्मा पहनने के पीछे कई कारण हैं, उन सभी कारणों में सबसे जरूरी और अहम कारण यह है कि वो दुश्मन को चकमा देने के लिए काला चश्मा पहनते हैं. यानी कि अगर कोई हमलावर उनके आसपास होता है तो उसे पता नहीं चलेगा कि सुरक्षा कर्मी किधर देख रहा है. साथ ही हमलावर किस बात से भी डरेगा कि कहीं वो मुझे ही ना देख रहा है.
काला चश्मा पहनने से हमलावर को यह नहीं पता चलेगा कि उसकी नजरें किधर हैं साथ ही वह उसके मूवमेंट को भी नहीं पकड़ पायेगा. और उसे इस बात का डर भी बना रहेगा कि वो सुरक्षा कर्मी पूरी मुस्तैदी से उसपर नजर बनाये है.