विशेष

गरीब बूढ़ी महिला की मदद ना कर सके तो दिल पर लगी ठेस, और बन गए IAS..

ये हैं आशुतोष द्विवेदी, लालटेन की रोशनी में की पढ़ाई, IAS बन किया परिवार का सिर गर्व से ऊंचा

देश के नौजवानों के अंदर सिविल सर्विस परीक्षा को लेकर एक अलग ही विचारधारा देखने को मिलती है। जो युवा सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहें हैं, उनकी अपनी एक अलग ही जर्नी होती है। इस परीक्षा को पास करने के लिए तेज-तर्रार होना बहुत ही जरूरी है। यह परीक्षा बुद्धिमानी के बल पर ही क्लियर की जा सकती है। जब भी लोक सेवा आयोग की बात आती है तो हर किसी व्यक्ति के जेहन में यूपी और बिहार का नाम आ जाता है, क्योंकि यह दो राज्य देश को आईएएस, आईपीएस देने के गढ़ माने गए हैं। वैसे देखा जाए तो हर कोई नौजवान यही सपना देखता है कि वह आईएएस अफसर बने, परंतु जीवन की कुछ ऐसी परिस्थितियां होती हैं, जिसके चलते लोग हार मान जाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो हर कठिनाइयों को पार करते हुए अपना मुकाम हासिल कर लेते हैं। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसने गरीबी और सुविधाओं के अभाव में भी सफलता का कीर्तिमान रचा है।

आज हम आपको जिस शख्स के बारे में जानकारी दे रहें हैं, उनका नाम आशुतोष द्विवेदी (IAS Ashutosh Dwivedi) है। तमाम मुसीबतों और संघर्षों के पश्चात इन्होंने अपना सपना पूरा किया है। रायबरेली के आशुतोष द्विवेदी का जीवन किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। जिस प्रकार से इन्होंने शुरुआत में संघर्ष किया और बाद में इनको कामयाबी मिली, यह किसी स्क्रिप्ट से कम नहीं है लेकिन आशुतोष द्विवेदी ने यह स्क्रिप्ट अपनी कड़ी मेहनत से लिखी है।

बचपन में देखा संघर्ष

आपको बता दें कि आशुतोष के माता-पिता का बाल विवाह हुआ था। पिताजी पढ़ने में अच्छे थे और माताजी लगभग अनपढ़ थीं, लेकिन यह शिक्षा के महत्व को ठीक प्रकार से समझतीं थीं। आशुतोष के पिताजी ने अपनी बाकी पढ़ाई बहुत संघर्ष के साथ की थी। शादी और बच्चों के बाद इनकी माता जी ने पूरा साथ दिया था। जब आशुतोष ने अपने परिवार वालों के जीवन के संघर्षों को देखा तो यह उससे हताश नहीं हुए, बल्कि इन्होंने इससे प्रेरणा ली थी। वह अपने मन में यही सोचा करते थे कि उनके माता-पिता की मेहनत के आगे उनकी मेहनत कुछ भी नहीं है।

दीया-लालटेन की रोशनी में करते थे पढ़ाई

आशुतोष द्विवेदी जब स्कूल में पढ़ाई किया करते थे तब यह साइकिल चलाकर लंबा सफर तय करते थे। इन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है। जब यह स्कूल से घर वापस आते थे तो दिया-लालटेन की रोशनी में घंटों तक पढ़ाई करते थे। इनकी छोटी सी जिंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने हौसले को कमजोर नहीं होने दिया। आशुतोष द्विवेदी ने हमेशा अपने संघर्षों को बेहतरीन माध्यम समझा है। अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों को लेकर यह कभी भी हताश नहीं हुए थे। आशुतोष एक आत्मविश्वाशी छात्र थे। इन्होंने अपने साथियों की तुलना में जिस स्थिति में पढ़ाई की है, वह उनसे कहीं बेहतर है। आशुतोष द्विवेदी ने पहली बार उच्च शिक्षा के लिए कानपुर में कदम रखा था। यहां एचबीटीआई (HBTI) से उन्होंने बीटेक किया और नौकरी करने लगे। इन्होंने इसी समय के दौरान आईएएस बनने की ठान ली थी।

“कलेक्टर” शब्द की तरफ था हमेशा से झुकाव

आशुतोष बचपन से ही कलेक्टर शब्द के प्रति काफी आकर्षित हो गए थे, क्योंकि गांव में जब भी पढ़ाई में अच्छे बच्चों की बात होती थी तो लोग कलेक्टर बनने का आशीर्वाद दिया करते थे। तब इनके मन में यही विचार आते थे कि यह कोई बड़ी चीज है। आपको बता दें कि आशुतोष के बड़े भाई भी आईएएस बनना चाहते थे, जो साक्षात्कार तक पहुंचे, पर इसके आगे इनका सिलेक्शन नहीं हो पाया था। जब आशुतोष अपने भाई का रिजल्ट देखने गए थे तब उनको बेहद दुख हुआ। तब इन्होंने मन बना लिया था कि वह अपने भाई का सपना पूरा करेंगें।

आशुतोष द्विवेदी ने कभी नहीं मानी हार

अक्सर कैंडिडेट्स यह मानते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा बहुत कठिन है, परंतु आशुतोष का सोचना बिल्कुल अलग था। इनका मानना था कि यह एक ऐसा सफर है जो आपको कहीं ना कहीं जरूर ले जाता है। इनका कहना है कि यूपीएससी एक तपस्या है, इसमें अगर आपको वरदान नहीं भी मिलता, फिर भी आप सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

आशुतोष ने यूपीएससी की परीक्षा पास करने के लिए कठिन मेहनत की, परंतु इनको पहले दो प्रयासों में सफलता हाथ नहीं लग पाई। आशुतोष ने दो बार असफल होने के बावजूद भी अपनी हिम्मत नहीं हारी और इन्होंने लगातार प्रयास जारी रखा। अपनी गलतियों को ढूंढ कर इन्होंने उसको दूर किया। जहां पर कमी आ रही थी, उन कमियों में इन्होंने सुधार किया। तीसरे प्रयास में इन्होंने सफलता हासिल की, परंतु इनको आईएएस ही बनना था, इसलिए उन्होंने दोबारा से परीक्षा दी थी। वर्ष 2017 में इन्होंने अपने चौथे प्रयास में 70वीं रैंक हासिल की। इसी दौरान इनका विवाह भी हो गया था। इनको अपनी पत्नी का पूरा सहयोग मिला।

Back to top button
https://ndi.fda.moph.go.th/ agen slot gacor
https://bemfh.ulm.ac.id/id/ https://newstrend.news/swen/ https://rentohotels.com/ https://whlconsultants.com/ galaxy77bet
slot gacor slot demo
https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/200/ https://www.lifebeyondcertificate.com/wp-includes/scatter-hitam/
https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/thailand/ https://komunitas.bobotoh.id/wp-content/dana/
https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/oneplay77gala/ https://heylink.me/turbobet77login/ https://heylink.me/mustang77pro/ https://heylink.me/galaxy77betpro/ https://heylink.me/marvel77game/ https://heylink.me/taipan77login/ https://heylink.me/republik77alter/ https://heylink.me/binjaiplay77-login/ https://heylink.me/dutaslot77-loginn/ https://heylink.me/doremiplay77-login/ https://heylink.me/slotnesia77-loginn/ https://heylink.me/mandala77_login/ https://heylink.me/arenaslot77_login/ https://heylink.me/arenabet77-login/ https://heylink.me/Sultanbet77.daftar/ https://heylink.me/sultanplay77.login/ https://heylink.me/marina77game/ https://heylink.me/kotacuanplay/ https://heylink.me/play77betpro/ https://heylink.me/tokofun/ https://heylink.me/fun77betpro/ https://heylink.me/captain77warrior/ https://heylink.me/Jaguar77pro/ https://heylink.me/thebestmustang77/ https://heylink.me/tokoholyplay/ https://heylink.me/rukocuan/ https://heylink.me/indopedia77pro/ https://heylink.me/tokoindofun17/ https://heylink.me/sultanbet77gaming/ https://heylink.me/sultanplay77gaming/ https://heylink.me/oneplay77alternatif/ https://heylink.me/marina77maxwin/ https://heylink.me/play77alternatif/ https://heylink.me/cukongplay77gaming/ https://heylink.me/playwin77-/ https://lynk.id/play77new https://lynk.id/fun77new https://lynk.id/captain77 https://lynk.id/jaguar77new https://lynk.id/mustang77new https://lynk.id/indopedia77new misteritogel galaxy77bet galaxy77bet https://104.219.251.144/ https://www.incolur.cl/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy7bet https://138.68.164.8/ https://137.184.36.152/ https://139.59.119.229/ dreamplay77 oneplay77 monte77
https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/thai/ https://www.nuovamazzucchelli.com/wp-content/xgacor/ https://www.mscba.org/hitam/ https://www.priboi.news/wp-includes/thailand/ https://www.tecnocontrol.cl/ https://www.quiporte.it/ https://www.mariscosgontelo.com/ https://presensi.upstegal.ac.id/ https://perpus.stik-sintcarolus.ac.id/ http://rengo921.lionfree.net/ https://www.desmaakvanitalie.nl/thailand/ https://b-happyrealisatie.com/ https://b-smartfundering.com/ http://context2.ai/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://www.mmsu.edu.ph/storage/uploads/xgacor/ https://alumni.mmsu.edu.ph/storage/uploads/hitam/ https://sas.mmsu.edu.ph/storage/uploads/thailand/ https://ieg.mmsu.edu.ph/storage/uploads/pulsa/
slot gacor jp slot gacor slot thailand https://www.lanuovaguida.it/ slot thailand slot gacor maxwin scatter hitam slot gacor slot demo slot demo https://repdtrackingsystem.basc.edu.ph/ https://qread.basc.edu.ph/ https://confirms.basc.edu.ph/ https://officialstore.it.com/ https://ecourse-lpug.gunadarma.ac.id/data/ https://unilinkindia.com/ https://161.35.239.72/ https://64.23.174.29/ https://rosalindwilliams.com/ https://zygmarketing.site/ https://leaderships.la/ http://www.oyo-hotel-ciater.epizy.com/data/ https://akuview.com/ https://www.akarta.es/ https://www.jamesjoyceristopub.it/ https://banarasiniketan.com/index.php
https://biolinku.co/galaxy77bet https://biolinku.co/agen77bet https://biolinku.co/marvel77 https://biolinku.co/taipan77 https://biolinku.co/republik77 https://biolinku.co/pegasusplay77 https://biolinku.co/playwin77 https://biolinku.co/darumaplay77 https://biolinku.co/asiaplay17 https://heylink.me/galaxy77bet+/ https://duniabiru.lol/ galaxy77bet galaxy77bet galaxy77bet