काले धन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की जबरदस्त कार्रवाई, 16 राज्यों में 300 कंपनियों पर छापेमारी!
मोदी सरकार काले धन के खिलाफ अपने दृढ़ संकल्प के प्रति अडिग है, नोटबंदी के बाद भी जो लोग कालाधन बचा लेने में सफल रहे हैं अब सरकार उन पर शिकंजा कसने के लिए कदम उठा रही है. शनिवार को कालाधन के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने अभियान चलाकर छापेमारी की. एएनआई के मुताबिक ईडी ने 16 राज्यों में 300 फर्जी कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी में लगभग 3.04 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है. यह रकम हैदराबाद की विश्वज्योति रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड सहित कुछ और कंपनियों से की जब्त की गई.
इन कंपनियां विदेश में काला धन भेजने का काम कर रही हैं :
इन कंपनियों पर पीएमएलए उल्लंघन का आरोप है और इन पर की गई कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत की गई है. बताया जा रहा है कि इन कंपनियों का इनकॉर्पोरेशन नोटबंदी के दौरान कालेधन को खपाने के लिए किया गया था. इन कंपनियों पर आरोप है कि ये कंपनियां विदेश में काला धन भेजने का काम कर रही हैं.
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने दिल्ली, पटना, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरू, कोच्ची, चेन्नई, कोलकाला, समेत 16 राज्यों की 100 से अधिक जगहों पर छापेमारी की. ईडी की तरफ से छापेमारी अभी भी जारी है. इन छापेमारियों में कई जगह से संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं जो कि जांच का विषय हैं. खबर है कि इन दस्तावेजों में 100 करोड़ से अधिक के लेनदेन का लेखा जोखा है. प्रवर्त निदेशालय द्वारा इतने बड़े स्तर पर छापेमारी किए जाने से अफरा तफरी मच गई है.
इतना ही नहीं ऐसी औचक छापेमारी के कारण कई नेताओं के चेहरे पर भी मायूसी साफ देखने को मिली. कुछ मीडिया संस्थानों से बातचीत के दौरान प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर कर्नल सिंह ने बताया कि काले धन को सफेद करने के काम में कुछ एंट्री ऑपरेटर और शेल कंपनियां रीढ़ की हड्डी का काम कर रही हैं. ऐसे में काले धन के इस खेल में जो भी शामिल होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
गौरतलब है कि यह पूरा मामला पिछले महीने पीएमएलए कानून के तहत दर्ज की गई शिकायतों पर कार्रवाई के दौरान खुलकर सामने आया. मामले के तहत अधिकारियों ने हाल ही में दिल्ली की एक फर्म की 64.70 करोड़ की संपत्ति कुर्क की थी. मामले में कुल 8000 करोड़ रुपए से अधिक के काले धन और अवैध संपत्तियों के खुलासे की आशंका है.