बीएसपी से खत्म होने को है ‘मायाराज’, असंतुष्ट नेताओं ने रची है मायावती के खिलाफ ये ‘साजिश’!
लखनऊ – बहन जी की बीएसपी पार्टी ने दो बड़े चुनावों, लोकसभा में 0 और विधानसभा में सिर्फ 19 सीटें जीती हैं। पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में तगड़ी हार के बाद से ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती के दिन काफी बुरे चल रहे हैं। जिससे बहुजन समाज पार्टी के राजनीतिक अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है। एक ओर जहां पार्टी सुप्रीमो मायावती इस सदमे से बाहर निकलने का प्रयास कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ता ही जा रहा है। बीएसपी में बगावत के संकेत देखने को मिल रहे हैं। Revolt brewing in bsp.
करारी हार के बाद पार्टी नेताओं में भड़की बगावत –
पार्टी के पूर्व विधान परिषद सदस्य व मायावती के राज में मंत्री रहे कमलाकांत गौतम पूर्व ओएसडी गंगाराम अंबेडकर ने 13 अप्रैल को राज्य स्तरीय सम्मेलन बुलाया है। इसी दिन ‘मिशन सुरक्षा परिषद’ नाम का एक नया समूह भी बनाने का प्लान है। आपको बता दें कि गौतम और अंबेडकर ने विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बीएसपी से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के असंतुष्ट लोगों को 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर इकट्ठा होने को कहा गया है, जहां एक नई पार्टी की घोषणा होने की भी संभावना है। जिसे प्रदेश में बीएसपी के विकल्प के रूप में पेश किए जाने की तैयारी चल रही है।
मायावती में नहीं रहा बीएसपी के नेतृत्व का दम –
बागी हो चुके दोनों नेताओं का कहना है कि चुनाव में हार से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है। लेकिन मायावती को इसकी कोई परवाह नहीं है। अंबेडकर ने कहा कि, ‘हमने 2012 में सत्ता गंवा दी, 2014 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाए और अब विधानसभा चुनाव में सिर्फ 19 सीटें ही मिलीं। इससे साफ होता है कि कांशीराम द्वारा बनाई गई पार्टी का वोट बेस खत्म होता जा रहा है।’ बता दें कि इसके पहले पार्टी के ही कार्यकर्ताओं ने पुतला जलाकर विरोध जाहिर करते हुए आरोप लगाया था कि पार्टी ने चुनाव जीतने योग्य प्रत्याशियों की जगह पैसों पर टिकट बेच दिए जिससे हम चुनाव हार गए।