बाबर के नाम पर नहीं बनेगी अयोध्या में मस्ज़िद, शिलान्यास का कार्यक्रम भी नहीं किया जाएगा
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या में दी गई जमीन पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने वाला है और इस जमीन पर मस्जिद बनाई जानी है। ऐसा कहा जा रहा था कि इस जमीन पर बननें वाली मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद रखा जाएगा। हालांकि अब सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस बात को गलत बताते हुए कहा है कि अयोध्या में दी गई जमीन पर बनने वाली मस्जिद का नाम बाबरी मस्जिद नहीं रखा जाएगा। साथ में ही जब इस मस्जिद को बनाने का काम शुरू होगा। तो उसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी बुलाया जाएगा।
रौनाही के धन्नीपुर गांव दी गई है जमीन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत यूपी सरकार ने अयोध्या के पास रौनाही के धन्नीपुर गांव में मस्जिद बनाने के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को जमीन दी है। वहीं पिछले 2 दिनों से सोशल मीडिया पर ये चर्चा लगातार चल रही थी कि अयोध्या के पास रौनाही के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद का नाम बाबरी रखा जाएगा। हालांकि अब सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इन खबरों को गलत बताया है और कहा है कि ये अफवाह हैं।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की और से इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का निर्माण किया गया है। जो कि अयोध्या में मस्जिद और उसके साथ अस्पताल, कम्युनिटी सेंटर और कम्युनिटी किचन बनाएगा। साथ में ही इस्लामिक मामलों पर एक रिसर्च सेंटर भी यहां बनाया जाएगा। वहीं इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता की और से कहा गया कि मस्जिद निर्माण में शिलान्यास के कार्यक्रम की इस्लाम में इजाजत नहीं है। हमारे धर्म में सिर्फ नींव खोद कर मस्जिद की शुरुआत होती है। लेकिन इस जमीन पर जब अस्पताल या फिर ट्रस्ट के भवन की नींव रखी जाएगी तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रित किया जाएगा।
ना भेजा जाए निमंत्रण
वहीं मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ की और से पहले ही ये कहा गया है कि मस्जिद के शिलान्यास के कार्यक्रम में उन्हें न तो कोई बुलाएगा और न ही वह जाएंगे। वहीं दूसरी और अब इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का कहना है कि वो जब ये निर्माण कार्य शुरू करेंगे तो उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आमंत्रण भेजेंगे। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रवक्ता के मुताबिक जमीन पर शुरुआत के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित किया जाएगा।
गौरतलब है कि राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया जा चुका है। 5 अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास किया गया था, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से करवाया गया था। इस कार्यक्रम के दौरान योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे और इस कार्यक्रम को भव्य तरीके से किया गया था। वहीं अब इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का कहना है कि जब वो अयोध्या में मस्जिद का निर्माण करेंगे। तब वो योगी आदित्यनाथ को भी आमंत्रित करेंगे। हालांकि योगी आदित्यनाथ पहले ही ये साफ कर चुके हैं कि वो इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। यानी आने वाले समय में इस मुद्दे पर जरूरी राजनीति की जाएगी।