संजीत हत्याकांड में हुआ नया खुलासा, SP अपर्णा ने पुलिस की छवि बचाने के लिए कहा था ये झूठ
संजीत अपहरण व हत्याकांड केस में कानपुर पुलिस पर कई सारे सवाल उठ रहे हैं और कानपुर पुलिस अपनी छवि साफ करने के लिए एक के बाद एक झूठ बोलने पर लगी हुई है। कानपुर की एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता इस केस को देख रही ही थी और केस असफल होने पर अब झूठ बोल रही हैं। हालांकि इनका झूठ सबके सामने आ गया है।
संजीत अपहरण केस पर एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने पहले कहा था कि जिस वक्त अपहरणकर्ताओं को पैसे दिए जा रहे थे। उस समय पुलिस संजीत के परिवार वालों के साथ नहीं थी। हालांकि एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता का एक वीडियो इनके इस झूठ से पर्दा हटा रहा है। इस वीडियो में एसपी साउथ ने बातचीत के दौरान कहा कि पुलिस परिवार के साथ थी और पुल के ऊपर थी।
क्या है पूरा मामला
अपहरणकर्ताओं ने संजीत के परिवार वालों से 30 लाख की फिरौती मांगी थी। जिसके बाद परिवार वालों ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने परिवार वालों से कहा कि वो अपहरणकर्ताओं की बताई गई जगह पर पैसों का बैग लेकर चले जाएं। इस दौरान पुलिस उन्हें पकड़ लेगी। प्लान के तहत संजीत के पिता 30 लाख का बैग लेकर 13 जुलाई को अपहरणकर्ताओं के बताए गए ठिकाने गुजैनी फ्लाईओवर पर पहुंच गए। इस दौरान पुलिस भी परिजन के साथ थी। जिसके बाद अपहरणकर्ताओं नीचे रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचे और पुलिस ने बदमाशों के कहने पर फ्लाईओवर के ऊपर से रुपयों से भरा बैग नीचे फेंक दिया था और बदमाश बैग लेकर तुरंत फरार हो गए।
इसके बाद एसपी साउथ ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस परिजनों के साथ नहीं थीं। लेकिन अब एसपी साउथ का एक वीडियो वायरल हो रहा है कि जिसमें एसपी साउथ ने बातचीत के दौरान कहा कि पुलिस ऊपर थी। घूमकर रेलवे क्रॉसिंग करीब दो किमी दूर है और जब तक वहां तक पहुंचते। बदमाश बैग लेकर भाग गए थे।
इसी बीच संजीत की बहन रुचि का एक बयान आया था जिसमें इन्होंने बताया कि बैग में 30 लाख रुपए थे। लेकिन पुलिस का कहना था कि बैग में रकम नहीं थी। वहीं स्वाट टीम प्रभारी दिनेश यादव के कहने पर रुचि ने बाद में ये बयान पलट दिया और कहा की बैग में पैसे नहीं थे। रुचि के अनुसार दिनेश यादव के कहने पर उसने बोला था कि बैग में पैसे नहीं थे। दिनेश ने कहा था कि यही कहना है, जिससे उसका भाई बच सके।
बैग में नहीं लगाया जीपीएस
संजीत की बहन रुचि के अनुसार उसने एसपी साउथ से कहा था कि बैग में जीपीएस लगवा दीजिए। ताकि बदमाशों को ट्रेस किया जा सके। मगर एसपी साउथ ने उसकी नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि ये मेरा काम है, हम कर लेंगे। जिसके बाद बैग में एक मोबाइल रखा गया। ताकि उससे बैग की लोकेशन ट्रेस होती रहे। मगर अभी तक न बैग मिला और न ही मोबाइल का पता चला।
पकड़े गए अपहरणकर्ता
अपहरणकर्ताओं ने संजीत को मार दिया है। वहीं पूछताछ में अपहरणकर्ताओं ने बैग में पैसे होने की बात से इंकार किया है। ऐसे में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। संजीत यादव हत्याकांड में फिरौती के 30 लाख कहां गए हैं। इसकी जांच सरकार ने एडीजी पीएचक्यू वीपी जोगदण्ड को सौंपी है।