ममता की मिसाल: नवजात बच्चे को मिल सके दूध, इसलिए रोज लेह से दिल्ली मां भेजती है अपना दूध
लेह के जिकमेट वांगडू और उनकी पत्नी को हाल ही में एक बच्चा हुआ था। लेकिन किन्हीं कारण के चलते बच्चे को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। वहीं बच्चे की मां ऑपरेशन के कारण लेह से दिल्ली नहीं आ सकी। ऐसे में नवजात बच्चे को अपनी मां का दूध नहीं मिल पा रहा था। जिससे की बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा था। बच्चे को मां का दूध मिल सके इसके लिए जिकमेट वांगडू ने फ्लाइट का सहारा लिया और अब रोज लेह से दिल्ली बच्चे के लिए मां का दूध आता है।
जिकमेट वांगडू ने बताया कि उनका नवजात बच्चा दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती है। लेकिन पत्नी ऑपरेशन होने के चलते लेह में ही फंसी हुई हैं। बच्चे के लिए मां का दूध जरूरी था। इसलिए उनकी पत्नी दिल्ली से एक किलोमीटर दूर लेह से रोज फ्लाइट के जरिए अपना दूध भेजती हैं। उनकी पत्नी करीबी एक महीने से अपना दूध दिल्ली भेज रही हैं।
सफलता के साथ हुई सर्जरी
मैक्स अस्पताल के डॉ. हर्षवर्धन के अनुसार 6 जून को लेह के एक अस्पताल में जिकमेट वांगडू की पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया था। ये बच्चा ऑपरेशन से हुआ था। बाद में पता चला कि बच्चे की सांस और खाने की नली जुड़ी हुई है। जिसके बाद लेह के डॉक्टर्स ने बच्चे को दिल्ली के अस्पताल में रेफर कर दिया। वहीं ऑपरेशन के चलते बच्चे की मां दिल्ली नहीं पहुंच सकी। बच्चे को दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया और 19 जून को बच्चे की सर्जरी की गई। वहीं मां के इतनी दूर होने के कारण बच्चे को दूध नहीं मिल पा रहा था।
इस तरह से बच्चे के पास पहुंचाया दूध
बच्चे के लिए मां का दूध ही सबसे उत्तम माना जाता है। जिकमेट वांगडू ने बताया कि वो अपने बच्चे के साथ दिल्ली आए थे। लेकिन पत्नी को लेह में ही रुकना पड़ा। ऐसे में उनके बच्चे को दूध नहीं मिल पा रहा था। डॉक्टरों ने उनसे कहा कि नवजात बच्चे को मां का दूध देना बहुत जरूरी है। मां का दूध पीने से बच्चे को अधिक फायदा होगा और कई तरह के संक्रमण से उसकी रक्षा होगी। जिसके बाद जिकमेट वांगडू के दिमाग में एक आइडिया आया और उन्होंने अपने कुछ दोस्त से मदद मांगी। जिकमेट वांगडू के ये दोस्त लेह एयरपोर्ट पर काम करते हैं। उनकी मदद से रोज फ्लाइट की मदद से दिल्ली तक दूध आ जाता है।
जिकमेट वांगडू के अनुसार घर के कुछ सदस्य लेह एयरपोर्ट तक बॉटल में दूध लाते हैं। जिसके बाद मेरे दोस्त किसी यात्री की मदद से हर रोज दिल्ली एयरपोर्ट तक दूध पहुंचा देते हैं। वांगडू ने बताया कि उनकी पत्नी शाम 6 बजे से दूध निकालना शुरू कर देती हैं और सुबह तक तीन से चार बार दूध निकला देती हैं। सुबह की फ्लाइट से दिल्ली एक घंटे में दूध पहुंच जाता है। जिसके बाद एयरपोर्ट से जिकमेट वांगडू या बच्चे के मामा दूध अस्पताल तक ले आते हैं।
वहीं डॉ. हर्षवर्धन के मुताबिक, जल्द ही बच्चे को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। उसके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार आ रहा है।