IIT Kanpur के हॉस्टल में बिना पंखें, लाइट के अपनी मर्जी से डेढ़ महीने लॉक रहा छात्र, यह बताई वजह
बढ़े बूढ़े कह गए हैं कि सफलता तब ही प्राप्त होती है जब आप में जुनून होता है, कुछ कर दिखाने का जज़्बा होता है। मगर यह जुनून लाना कोई आसान काम नहीं है। हम में से कई लोग रोज़ एक नया संकल्प लेते हैं मगर ज़रा सी परेशानी हमारे हौंसलो को पल भर में पस्त कर देती है। हाल ही का उदाहरण ले लीजिये। आज पूरी दुनिया कोरोना का भयंकर विनाश देख रही है, वहीं कई लोगों के लिए यह काम ना करने का एक बहाना भी बन गया है। मगर कुछ लोग ऐसे भी जुनूनी हैं जो इस त्रासदी से भी हार नहीं मान रहे हैं। कानपुर के IIT कैम्पस में इसी का एक उदाहरण देखने को मिला। आइए जानते हैं पूरा मामला-
दरअसल कोरोना के चलते सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं, ऐसे में कैंपस के हॉस्टल भी खाली करवा दिए गए थे। मगर IIT कानपुर के एक छात्र हॉस्टल बंद होने के बाद भी डेढ़ महीने तक वहीं अपने कमरे में छिपकर रहता रहा। संस्थान प्रशासन को लगे कि वो घर चला गया है इसके लिए लड़के ने बकायदा अपने दरवाजे के बाहर ताला भी लगा दिया था। सिर्फ इतना ही नहीं उसके होने की किसी को भनक ना लगे इसके लिए उसने डेढ़ महीने तक न पंखा चलाया और न ही लाइट जलाई।
रात को बेड के नीचे मोबाइल की टॉर्च जलाकर पढ़ाई करता था
रात को वो बेड के नीचे मोबाइल की टॉर्च जलाकर पढ़ाई करता रहा और खाने में दाल-चावल, बिस्किट व स्नैक्स के सहारे अपना पेट भरता रहा। होस्टल के दरवाजे की कुंडी टूटी हुई थी, इसी के सहारे चार पांच दिन में कमरे से निकलता जरूरी सामान खरीद कर किसी को पता चले उसके पहले कमरे के अंदर पहुंच जाता था।
बताया जा रहा है कि लड़का गुजरात का रहने वाला है जब यह मामला संस्थान की नज़र में आया तो उसने छात्र का पहले स्वास्थ परीक्षण करवाया और इसके बाद होस्टल से निकाल कर घर भेज दिया।
एमटेक प्रथम वर्ष का है छात्र
बताया जा रहा है कि गुजरात का रहने वाला यह छात्र एमटेक प्रथम वर्ष में अध्ययनरत है। जब कोरोना के चलते सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करवा दिया गया, उस वक्त उसने भी अपने कमरे के दरवाजे पर ताला लगाकर उसकी एक चाबी जमा कर दी और दूसरी अपने पास रख ली। आपकी जानकारी के लिए बता दें छात्र रातभर मोबाइल की रोशनी में बेड के नीचे बैठकर पढ़ाई करता और इंडक्शन पर खाना बनाया करता था।
छात्र के अनुसार दरवाजे की टूटी हुई कुंडी के सहारे वो तब बाहर निकलता था, जब कोई उसको बाहर जाते हुए देख ना सके। मगर वो हाल ही में उससे एक चूक हो गयी और वो दरवाजा बंद करना भूल गया। सुरक्षाकर्मी रूटीन दौरे पर होस्टल में जब आया तो उसने हल्का दरवाजा खुला देखा तो जांच की। वहीं जब उसने देखा कि कमरे के अंदर छात्र भी है तो उसने अधिकारियों को इस बारे में तलब किया। इसके बाद वार्डन द्वारा छात्र का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया। वहीं छात्र के अनुसार वो पढ़ाई की वजह से होस्टल में रुका हुआ था। छात्र के अनुसार उसे लगा था कि लॉक डाउन जल्दी ही खत्म हो जाएगा मगर यह बढ़ता ही चला गया। हालांकि फिलहाल छात्र को सुरक्षित घर भेज दिया गया है।