16 जुलाई को है कामिका एकादशी, इस तरह से करें पूजा और रखें व्रत, मिल जाएगी पापों से मुक्ति
इस साल 16 जुलाई को कामिका एकादशी आ रही है। इस एकादशी को सभी एकादशियों में खास माना गया है। कामिका एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग कामिका एकादशी को विष्णु जी की कथा सुनते हैं, उन्हें यज्ञ करने जितना फल प्राप्त होता है। हर साल ये एकादशी श्रावण (सावन) महीने के कृष्णपक्ष में आती है। इस महीने कामिका एकादशी 16 जुलाई गुरुवार को पड़ रही है। गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। इसलिए ये एकादशी बेहद ही खास होने वाली है
भय और पापों से मुक्त करती है कामिका एकादशी
एक बार ब्रह्माजी ने देवर्षी नारद को बताया कि पापों और भय से मुक्ति पाने के लिए कामिका एकादशी का व्रत करें। इस एकादशी व्रत से पापों का नाश हो जाता है। इतना ही नहीं जो लोग कामिका व्रत रखते हैं वो कभी भी कुयोनि में जन्म नहीं लेते हैं। इसलिए कामिका एकादशी के दिन व्रत रखना और विष्णु जी की पूजा करना शुभ फल देता है।
इस तरह से करें पूजा
- कामिका एकादशी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले अपने घर को अच्छे से साफ करें। इसके बाद स्नान कर मंदिर की सफाई कर लें।
- सफाई के बाद मंदिर में चौकी स्थापित करें। इस पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछा दें। चौकी पर विष्णु जी की मूर्ति स्थापित कर दें।
- अब विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर पर फूल अर्पित करें और एक दीपक जला दें। विष्णु जी को भोग लगाएं और तुलसी पत्र अर्पण कर दें।
- भगवान विष्णु की पूजा शुरू करते समय व्रत का संकल्प धारण करें और पूजा शुरू कर दें।
- विष्णु जी से जुड़ी कथाओं को पढ़ें और इनके मंत्रों का उच्चारण करें। वहीं पूजा खत्म होने के बाद विष्णु जी की आरती जरूर गाएं।
- इसी तरह से शाम को भी पूजा करें। वहीं ये एकादशी सावन मास में आती है। इसलिए इस दिन शिव की पूजा भी जरूर करें।
एकादशी व्रत कैसे करें
एकादशी व्रत बेहद ही सरल है। हालांकि इस व्रत को करने से कुछ नियम जुड़े हुए हैं, जो कि इस प्रकार है।
- एकादशी व्रत वाले दिन केवल एक समय ही खाना खाया जाता है। इसलिए आप रात को पूजा करने के बाद ही खाना खाएं और खाने में फल, दूध, दही जैसी चीजे ही लें।
- एकादशी के दिन घर में चावल ना बनाएं और ना ही प्याज और लहसुन का प्रयोग करें।
- इस दिन केवल जमीन पर ही बैठें और सोएं।
- एकादशी के अगले दिन सुबह उठकर स्नान कर पूजा करें। उसके बाद ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दक्षिणा दें।
- ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद खुद भी भोजन कर लें और अपना व्रत तोड़ लें। ब्राह्मणों के अलावा आप चाहें तो गरीब लोगों को भी भोजन करवा सकते हैं।
विष्णु जी के मंत्र –
पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप जरूर करें।
1. श्री विष्णु मूल मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय॥
2. श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय मंत्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
3. श्री विष्णु गायत्री मंत्र
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
4. विष्णु शान्ताकारम् मंत्र
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
5. मंगल श्री विष्णु मंत्र
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥