गिरफ्तारी या आत्मसमर्पण? महाकाल मंदिर के गार्ड से सुने विकास दुबे को पकड़ने की पूरी कहानी
कानपुर मुठभेड़ के मुख्य आरोपी विकास दुबे को आज सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर से पकड़ा गया है। मंदिर के जिस सिक्योरिटी गार्ड ने विकास दुबे को पकड़ा है उसके अनुसार विकास सुबह 7 बजे मंदिर में आया था। सिक्योरिटी गार्ड लखन यादव ने बताया कि विकास दुबे ने मंदिर के पीछे वाले गेट से अंदर आने की कोशिश की थी। विकास की ये हरकत देख उसपर शक हुआ। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित किया। लखन के अनुसार उसने पहले ही विकास दुबे की फोटो देख रखी थी। इसलिए उनसे जब ध्यान से विकास को देख तो पहचान लिया कि ये भागा हुआ अपराधी है।
नहीं कर पाया भोलेनाथ के दर्शन
लखन सिंह के मुताबिक विकास दुबे भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए आया था। लेकिन वो भगवान के दर्शन नहीं कर पाया। वो मंदिर में दर्शन करने जा रहा था, उससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया और अपने साथ ले गई।
अभी भी अन्य आरोपी हैं फरार
कानपुर में गुरुवार देर रात पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में विकास के अलावा और बदमाश भी शामिल थे। जो कि अभी भी फरार हैं। यूपी पुलिस ने विकास दुबे के ऊपर 5 लाख का इनाम रखा था। जबकि अन्य भागे बदामशों के ऊपर 25 हजार की इनाम राशि रखी गई है। हालांकि अभी तक यूपी पुलिस इस केस में कई सारे एनकाउंटर कर चुकी है। आरोपी प्रभात मिश्रा ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी, तब इसे पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। प्रभात मिश्रा को बुधवार को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा विकास दुबे गैंग के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बउवा दुबे को भी यूपी पुलिस ने इटावा में ढेर किया था।
विकास दुबे की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘जल्द ही हम सारे आरोपी गिरफ्तार कर लेंगे। सभी न्यायिक प्रक्रिया का पालन करें।
8 पुलिस वालों को मार कर भागा था
विकास दुबे और इसके गैंग के लोगों पर 8 पुलिसकर्मियों को मारने का आरोप है। गुरुवार की रात जब विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक टीम कानपुर के बिकरू गांव उसके घर गई थी। तब विकास दुबे ने अपने साथियों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया था। 8 पुलिसवालों की जान लेने के बाद ये सभी बदमाश फरार हो गए थे।
पहले से मिल गई थी रेड की जानकारी
इस वारादात की पुलिस ने जब जांच की तो पाया कि विकास दुबे को पहले से ही पुलिस रेड की जानकारी मिल गई थी। जिसके बाद उसने पुलिस पर हमला करने की योजना तैयार की और अपने गैंग के लोगों को घर बुला लिया। वहीं पुलिस के आते ही इन सभी ने उनपर गोली चलाना शुरू कर दिया।
विकास दुबे को चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा ने ही रेड की जानकारी दी थी। वहीं अब पुलिस ने इन दोनों आरोपी पुलिस वालों को गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों विकास दुबे के करीबी थे और उसके इशारों पर ही काम करते थे।