गायब हुआ शहीद देवेंद्र मिश्रा का पत्र, अफसर से की थी भ्रष्ट थानेदार की शिकायत, लिखी थी ये बात
कानपुर मुठभेड़ में एक नया एंगल सामने आया है। जो कि बिल्हौर गांव में शहीद हुए सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा से जुड़ा हुआ है। कहा जा रहा है कि सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालीन एसएसपी आनंद देव तिवारी को एक पत्र लिखा था। जिसमें देवेंद्र मिश्रा ने आनंद देव तिवारी को पुलिस महकमे के भ्रष्ट दारोगा के बारे में सूचित किया था।
क्या लिखा था देवेंद्र मिश्रा ने अपने पत्र में
देवेंद्र मिश्रा की और से ये पत्र 14 मार्च को लिखा गया था। इस पत्र में देवेंद्र मिश्रा ने एसएसपी आनंद देव तिवारी को निलंबित एसओ विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के बीच सांठगांठ के बारे में बताया था। साथ में ही देवेंद्र मिश्रा ने ये आंशका भी जाताई थी कि ये आने वाले समय में किसी गंभीर घटना को अंजाम दे सकते हैं।
बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्रा ने विनय तिवारी की करतूतों का जिक्र पत्र में किया था और उसके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी थी। सीओ ने थानेदार विनय तिवारी को भ्रष्ट बताया था और कहा था कि वो विवेचनाओं में गड़बड़ियां करता है और पैसे वसूलता है। इस पर विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
गायब हो गया पत्र
सीओ देवेंद्र मिश्रा की और से लिखा गया ये पत्र अब गायब हो गया है। पत्र गायब होने पर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि काफी पड़ताल के बाद भी सीओ द्वारा लिखा गया पत्र नहीं मिला है। मामले में गहनता से जांच की जा रही है।.एसएसपी ने बताया कि देवेंद्र मिश्रा द्वारा विभाग को लिखा गया वायरल पत्र, जिसमें उन्होंने एसओ विनय तिवारी पर विकास दुबे की मदद का आरोप लगाया था। वो पोलकी रिकॉर्ड में नहीं मिला है। एसपीआरए समेत एसएसपी ऑफिस में इसकी पड़ताल की गई है। डिस्पैच और रिसीविंग रजिस्टर में भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि पत्र के मामले में गहनता से जांच की जा रही है।
देवेंद्र मिश्रा के तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी को लिखा गया ये पत्र सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस पत्र को कल आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया था। इस पत्र के वायरल होने के बाद वर्तमान में एसटीएफ डीआईजी और तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है।
इस वजह से तत्कालीन एसएसपी पर उठ रहे हैं सवाल
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शहीद देवेंद्र मिश्रा ने विनय तिवारी के खिलाफ आठ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट एसएसपी को भेजी थीं। ये रिपोर्ट आठ-दस महीने के दौरान भेजी गई थी। इसके अलावा शहीद देवेंद्र मिश्रा ने एक स्पेशल रिपोर्ट भी भेजकर विनय तिवारी पर कार्रवाई की सिफारिश की थी, पर कोई सुनवाई नहीं की गई। आखिर क्यों तत्कालीन एसएसपी ने देवेंद्र मिश्रा की रिपोर्ट और पत्र पर कोई एक्शन नहीं लिया? ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। वहीं अब पुलिस इन सभी मामलों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।
गौरतलब है कि 3 जुलाई को देवेंद्र मिश्रा अपनी टीम के साथ विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके गांव गए थे। लेकिन किसी दारोगा ने पहले से ही विकास दुबे को इस चीज की जानकारी दे दी थी। जिसके बाद विकास दुबे ने देवेंद्र मिश्रा और उनकी टीम पर हमला कर दिया था। जिसमें देवेंद्र मिश्रा सहित 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। वहीं इस कांड के बाद पुलिस ने एसओ विनय तिवारी को निलंबित कर दिया था। पुलिस को शक है कि विनय तिवारी की और से ही विकास दुबे को पुलिस रेड की सूचना दी गई थी।