सावन के महीने में भूलकर भी न खाए ये 10 चीजें, जाने धार्मिक और वैज्ञानिक वजह
शिव भक्तों के लिए सावन का महिना बहुत ही ख़ास होता है. इस साल यह 6 जुलाई को शुरू हो रहा है, जो कि 3 अगस्त तक चलेगा. कहा जाता है कि सावन के माह में शिवजी भक्तों की सभी मुरादें पूर्ण करते हैं. बस आपको उन्हें सच्चे दिल से याद कर प्रसन्न करना होता है. भोलेनाथ को खुश करने के लिए कई लोग व्रत भी रखते हैं. हालांकि इस माह में आपको कुछ ख़ास चीजें खाने से बचना भी चाहिए. सावन में इन चीजों को न खाने के धार्मिक व वैज्ञानिक दो ही कारण है. तो चलिए जानते हैं आपको कौन कौन सी चीजों का सावन माह में परहेज करना है.
हरी पत्तेदार सब्जियां
सावन के महीने में मानसून की शुरुआत हो जाती है. इस मौसम में कीड़े मकोड़े अधिक पैदा होते हैं. इसलिए हरी पत्तेदार सब्जियों में भी इनकी अधिकता होती है. ये इनके अंदर चिपके रहते हैं. इसलिए सावन में इन पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से पेट और स्किन संबंधित बिमारी भी हो सकती है. इसलिए इसका परहेज करने में ही भलाई होती है.
बैंगन
सावन का महिना पवित्र माह होता है. जबकि बैंगन की गिनती अशुद्ध सब्जी में होती है. इसके अलावा बारिश के मौसम में इसके अंदर कीड़े भी अधिक पनपते हैं. इन दोनों ही वजहों से हमें सावन के महीने में बैंगन खान इसे बचना चाहिए.
दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स
सावन के माह में दूध और उससे बनी चीजों का सेवन भी कम से कम करना चाहिए. इस मौसम में दूध और उससे बनी चीजें हेल्थी नहीं होती है. हालाँकि आप दूध और दही का इस्तेमाल भोलेनाथ के अभिषेक में कर सकते हैं. वहीं दूध जरूरी हो तो इसे कच्चा न पिए. इसे अच्छे से उबाल उबाल कर पिए. ताकि इसके अंदर के कीटाणु मर जाए.
स्पाईसी फ़ूड
मसालेदार भोजन बस स्वाद में अच्छा होता है, लेकिन शरीर के लिए ये कई बिमारी लाता है. इसे आसानी से नहीं पचाया जा सकता है. इसे पचाने में आंतों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इससे बॉडी की एनर्जी कम होती है. सावन में वैसे ही सब बहुत व्यस्त होते हैं. इसलिए एनर्जी बचाएं और मसालेदार भोजन न खाएं.
कढ़ी
सावन के महीने में कढ़ी खाने से वात दोष बढ़ता है. यदि आप इसका सेवन करते हैं तो दुबलापन, नींद की कमी, आवाज का भारी होना जैसी समस्याओं से ग्रसित हो सकते हैं.
मांसाहारी भोजन
सावन का महिना पवित्र माना जाता है, इसलिए इस माह में मांस खाने से हर हाल में बचना चाहिए. खासकर मछली का सेवन तो बिलकुल न करें. इस मौसम में मछलियों के दिए अंडे नुकसानदायक होते हैं.
प्याज और लहसुन
प्याज और लहसुन की गिनती तामसिक प्रवत्ति के भोजनों में होती है. कहा जाता है कि इस प्रवत्ति के भोजन को ग्रहण करने से प्रवत्ति के भोजन को ग्रहण करने से इंसान के अंदर क्रोध, जूनून, अहंकार और विनाश जैसे गुण आ जाते हैं. इसलिए सावन में लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए.
शराब और अन्य नशा
सावन के पवित्र महीने में शराब और अन्य अशुद्ध नशे नहीं करना चाहिए. इसके सेवन के बाद की गई भोलेनाथ की पूजा का फल नहीं मिलता है.