मां की आखिरी इच्छा को सुषमा स्वराज की बेटी ने किया पूरा, तस्वीर देख आंखों में आ जाएंगे आंसू
पूर्व विदेश मंत्री और निर्भीक नेता सुषमा स्वराज का बीते 6 अगस्त को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। निधन से ठीक पहले उन्हें एम्स में लाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनकी मौत हो गई। सुषमा स्वराज का इतनी जल्दी दुनिया छोड़ कर चले जाना भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ा नुकसान है, जिसकी भरपाई संभव नहींं है। जी हां, सुषमा स्वराज ने हर मोर्च पर खुद को साबित किया। खैर, यहां हम उनकी बेटी बांसुरी की बात कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी मां की अंतिम इच्छा को पूरा किया।
6 अगस्त, 2019 को जब सुषमा स्वराज के निधन की खबर आई, तो हर किसी के आंखों में आंसू आ गए, क्योंकि उनका हंसता मुस्कुराता चेहरा कई लोगों को नई ज़िंदगी दे चुका है। बता दें कि अब उनकी बेटी ने उनके निधन के करीब एक महीने बाद उनकी आखिरी इच्छा को पूरा किया है। दरअसल, सुषमा स्वराज अपनी आखिरी इच्छा को पूरा नहीं कर पाई थी, जिसकी वजह से अब उनकी बेटी ने उसे पूरा किया।
बेटी बांसुरी ने पूरा किया मां की आखिरी इच्छा
सुषमा स्वराज के निधन के बाद सीनियर वकील हरीश साल्वे ने मीडिया में खुलासा किया था कि वे कुलभूषण केस में फीस नहीं लेना चाहते थे, लेकिन सुषमा ने उन्हें फ्री में काम करने के लिए मना किया, जिसके बाद उन्होंने एक रुपये के लिए हामी भरी थी। दरअसल, सुषमा उन्हें एक रुपया देना चाहती थी, लेकिन वे ऐसा कर नहीं पाई। साल्वे ने बताया था कि अस्पताल जाने से पहले सुषमा एक रुपया देना चाहती थी। खैर, अब उनकी आखिरी ख्वाहिश को उनकी बेटी ने पूरा किया।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पति और मिजोरम के पूर्व गवर्नर स्वराज कौशल ने कहा कि हमारी बेटी बांसुरी स्वराज ने मिस्टर साल्वे से शुक्रवार को मुलाकात की और उन्हें एक रुपया भेंट किया। ऐसे में उन्होंने अपनी मां की आखिरी इच्छा को पूरा किया। बता दें कि सुषमा स्वराज के दुनिया छोड़ के चले जाने के बाद न सिर्फ बीजेपी को नुकसान हुआ, बल्कि यह एक ऐसा शून्य है, जो भारतीय राजनीति में कभी भी पूरा नहीं हो सकता है। यही वजह है कि उनके जाने का दुख हर पार्टी के नेता को सता रहा है।
बेटी के ऑफिस में काम करके खुश थीं सुषमा स्वराज
जाने माने वकील साल्वे ने सुषमा स्वराज के निधन के बाद उनसे हुई आखिरी बातचीत को शेयर करते हुए कहा कि उन्होंने मुझे कहा था कि आपको मुझसे मिलने आना ही होगा, क्योंकि मुझे एक रुपये फीस जो देनी है। इसके साथ ही उन्होंने भारी मन से कहा कि वह बहुत अच्छी थी। हमेशा सकारात्मक सोचती थी और मुस्कुराती रहती थी। उन्होंने अपनी बातचीत में आगे कहा कि सुषमा स्वराज अपनी बेटी के ऑफिस में काम करके बहुत ही ज्यादा खुश थी। बता दें कि सुषमा स्वराज ने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाग नहीं लिया था, क्योंकि उनकी तबीयत खराब रहती थी।
साल्वे ने आगे कहा कि मैं उनसे 6 बजे मिलने वाला था, लेकिन उन्हें 10 मिनट बाद ही अटैक आ गया। याद दिला दें कि सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त को रात 9 बजे दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली थी।