भारत ने भी पकड़े थे चीनी सैनिक और एक चाइनीज कर्नल, फिर उन्हें छोड़ दिया गया
‘हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। लेकिन चीन ये नहीं बताएगा।
केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह ने भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर कई चौंकाने वाले दावे किए हैं। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए वी के सिंह ने कहा है कि भारत ने भी चीन के सैनिक लौटाए हैं। वी के सिंह के अनुसार दोनों देशों के बीच जो झड़प हुई थी। उसमें चीन को ज्यादा नुकसान हुआ है। जनरल सिंह ने न्यूज 24 को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘कुछ मीडिया रिपोर्ट में दिखाया जा रहा है कि चीन ने कुछ भारतीय सैनिकों को पकड़ा था और उन्हें अब वापस लौटाया है। इसी तरह से हमने भी चीन के कुछ सैनिकों को पकड़ा था और फिर उन्हें छोड़ दिया गया।‘
चीन के ज्यादा सैनिक मारे गए
वी के सिंह का दावा है कि इस हिंसक झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए हैं। लेकिन चीन ये नहीं बताएगा। वहां हर चीज को छिपाया जाता है। चीन के दोगुने से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं और हमारे सैनिकों ने बदला लेकर शहादत दी है।‘
पेट्रोल पॉइंट 14 हमारे पास
पूर्व आर्मी चीफ वी के सिंह ने गलवान घाटी में मौजूदा स्थिति के बारे में भी जिक्र किया और बताया कि गलवान घाटी का जो इलाका भारत के पास था, वो अब भी हमारे पास है। झगड़े की जड़ पेट्रोल पॉइंट 14 है जो अब भी भारत के नियंत्रण में ही है। गलवान घाटी का एक हिस्सा उनके पास है और एक हिस्सा अब भी हमारे पास है। चीन 1962 से वहां बैठा है। लेकिन हम भी वहां से हिले नहीं हैं।
हिंसक झड़प को लेकर वी के सिंह ने बताया कि हम अपनी सीमा की तरफ थे और वे अपनी सीमा की तरफ। फिर कोई हमारी तरफ से उधर गया और कोई वहां से इधर आया। हमें ये सब जानकारी साझा करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हर किसी को ये जानने की जरूरत नहीं है।
चीन की वजह से हुई हिंसक झड़प
बताया जा रहा है कि गलवान घाटी के ऊंचाई वाले इलाके में चीन ने एक संकरे पहाड़ी रास्ते पर निगरानी चौकी बनाई है। मिलिट्री कमांडर लेवल की मीटिंग में दोनों पक्षों के पीछे हटने पर सहमति बनी थी और इस सहमित के बाद चीन ने ये हरकत की। चीन की और से बनाई गई इस चौकी का विरोध भारतीय सैनिकों ने किया। सोमवार शाम यानी 15 जून को चीन को हटाने का प्रयास किया गया। जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में एक कर्नल समेत भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए हैं। जबकि चीन को भी इसमें भारी नुकसान हुआ और उसके 43 सैनिक हताहत बताए जा रहे हैं। लेकिन चीन ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है। वहीं वी के सिंह का दावा है कि इस हिंसक झड़प में चीन और भारत ने एक दूसरे के जवानों को पकड़ा था।
चीन के कर्नल को बनाया था बंदी
मीडिया सूत्रों के अनुसार भारत-चीन के बीच हुई इस झड़प के दौरान, भारतीय सेना की 3 माध्यम रेजिमेंट ने चीन सेना के कर्नल को अपना बंदी बनाया था। वहीं अब वी के सिंह का दावा है कि भारत द्वारा बंदी बनाए सभी चीनी सैनिकों को छोड़ दिया गया है।