8 दिन पहले ही शादी के बंधन में बंधी थी कांग्रेस की पूर्व पार्षद, अब जाना पड़ेगा जेल
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने फरवरी के महीने में हुई दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इशरत जहां को जेल जाना होगा। बता दें कि इशतर को निकाह (शादी) के लिए पटियाला हाऊस कोर्ट ने 10 दिनों की अंतरिम जमानत पर छोड़ा था। इशरत की शादी फरहान हाशमी से 12 जून को हुई थी। साफ कर दें कि फरहान हाशमी दिल्ली कांग्रेसी नेता परवेज हाशमी के बेटे हैं।
दरअसल, कोर्ट के आदेशानुसार 20 जून को इशरत जहां को वापस जेल जाना था, लेकिन इशरत जहां ने आखिरी दिन में पटियाला हाऊस कोर्ट में जमानत बढ़ाने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है, ऐसे में अब उन्हें जेल जाना पड़ेगा।
8 दिन पहले हुई शादी, अब जाना होगा जेल
याद दिला दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी के महीने में भयानक सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इस हिंसा के पड़ताल में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस के पूर्व पार्षद इशरत जहां को दोषी पाया। दिल्ली पुलिस ने इशरत पर अवैध गतिविधि निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने इशरत को गिरफ्तार किया और जेल में डाला। बता दें कि फरवरी के महीने में हुई उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा से संबंधित एक मामले में इशरत पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत भी मामला दर्ज हुआ था।
इशरत जहां को 10 जून को कोर्ट ने शादी के लिए जमानत पर छोड़ा था। इशरत को जमानत पर जाने के लिए 1-1 लाख रूपए के 2 मुचलके भरने पड़े थे। कोर्ट ने जमानत की अवधि 10 जून से 19 जून तक रखी थी, इस हिसाब से आज इशरत को वापस जेल जाना था। इसी बीच जहां ने अदालत में अपनी जमानत याचिका बढ़ाने के संबंध में याचिका दायर कर दी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जेल जाना ही होगा। कुल मिलाकर, अब उन्हें जेल जाना ही पड़ेगा।
दिल्ली हिंसा की आरोपी हैं इशरत जहां
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री रह चुके परवेज हाशमी के बेटे फरहान हाशमी से इशरत ने निकाह किया है। बता दें कि परवेज हाशमी दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दिक्षीत की भी बेहद करीबी रहे हैं। शीला दीक्षित की सरकार में वे कैबिनेट मंत्री भी रहे। परवेज हाशमी उन कद्दावर नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने ओखला विधानसभा सीट से 4 बार चुनाव जीता और एक बार दिल्ली से राज्यसभा सदस्य भी चुने गए थे।
इशरत और फरहान का निकाह बहुत पहले तय हो चुका था, किंतु 2020 दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए इस निकाह को टाल दिया गया और फिर फरवरी के माह में दंगा फैल गया, इस दंगे में इशरत को मुख्य आरोपी बनाया गया। इस वजह से दोनों का निकाह भी टल गया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इशरत जहां दिल्ली के कृष्णा नगर के घोंडली वार्ड से कांग्रेस के टिकट पर निगम पार्षद रह चुकी हैं। खैर, अब देखने वाली बात होगी कि इशरत जहां अपने बचाव में क्या हथकंडे अपनाती हैं।