संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने जा रहा है भारत, बढ़ रहा है भारत का कद
17 जून को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का अस्थायी सदस्य चुना जाना लगभग तय है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता वर्ष 2021-22 तक के लिए होगी। दरअसल भारत को एक साल पहले ही एशिया प्रशांत समूह के 55 देशों ने सुरक्षा परिषद की अस्थायी सीट के लिए समर्थन दिया था। पिछले वर्ष जून में भारत की दावेदारी को जिन देशों का समर्थन मिला था उसमें चीन और पाकिस्तान भी शामिल थे। वहीं अब भारत का ये चुनाव जीतना लगभग तय है।
आठवीं बार बनेगा सदस्य
भारत सुरक्षा परिषद में सात बार अस्थायी सदस्य बन चुका है और एक बार फिर से परिषद का अस्थायी सदस्य बनने जा रहा है। भारत सबसे पहले 1950-51 में सुरक्षा परिषद का सदस्या बना था। वहीं आखिरी बार साल 2011-12 में भारत सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रुप में चुना गया था। वहीं अब ये भारत का 8वां कार्यकाल होगा और ये 2 साल का कार्यकाल जनवरी 2021 से शुरू होगा।
कब कब बना भारत अस्थायी सदस्य
भारत अस्थायी सीटों पर परिषद के सदस्य के तौर पर 1950-1951, 1967-1968, 1972-1973, 1977-1978, 1984-1985, 1991-1992 और 2011-2012 में निर्वाचित हो चुका है।
भारत निभा सकता है सकारात्मक भूमिका
विदेश मंत्री जयशंकर के अनुसार सुरक्षा परिषद में हम 10 साल पहले चुने गए थे, हम अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की 4 विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। साथ में ही कोविड-19 वैश्विक महामारी और इसके गंभीर आर्थिक प्रभाव विश्व की असाधारण परीक्षा ले रहे है। इस असाधारण स्थिति में भारत एक सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।
Delhi: Minister of External Affairs Dr S Jaishankar launches a brochure outlining India’s priorities for the United Nations Security Council (2020-2021) seat campaign pic.twitter.com/vhYfpKmONp
— ANI (@ANI) June 5, 2020
पुस्तिका का किया विमोचन
दरअसल आज जयशंकर ने एक कार्यक्रम में पुस्तिका का विमोचन किया है। 17 जून, 2020 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में निर्वाचित सीट सुरक्षित करने के अपने आगामी अभियान के तहत भारत की प्राथमिकताएं दर्शाने के लिए इस पुस्तिका का विमोचन किया गया है। जिसमें भारत ने अपनी प्राथमिकताओं का विवरण किया है।
जी-7 शिखर सम्मेलन में भी होगा शामिल
इस समय भारत दुनिया के मजबूत देशों में गिना जा रहा है और यही वजह है कि अमेरिका ने भारत को जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है। जी-7 शिखर सम्मेलन में दुनिया के सबसे ताकतवर देश हैं और इस समय भारत दुनिया के सबसे ताकतवर संगठन जी-7 शिखर सम्मेलन के स्थायी सदस्य बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। दरअसल 10 से 12 जून तक जी-7 शिखर सम्मेलन होना है जो कि वाशिंगटन में होगा। ये सम्मेलन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये किया जाएगा। इस बार इस सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका देश कर रहा है और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित किया है। जो कि हमारे लिए एक बड़ा सम्मान है।
इस समय कोरोना संकट से पूरी दुनिया ग्रस्त है और ऐसी स्थिति में भारत की भूमिका अहम होती जा रही है। क्योंकि दुनिया के देशों का विश्वास चीन से उठ रहा है, जिससे भारत को फायदा मिल रहा है। दुनिया के देश भारत को चीन के विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। अमेरिका और भारत के बीच में बढ़ रही दोस्ती की वजह से भारत को काफी फायदा मिल रहा है और अमेरिका का समर्थन भारत के साथ है। वहीं अब 17 जून को भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य भी बन जाएगा, जिससे भारत की स्थिति और मजबूत हो जाएगी।