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3 इडियट्स फिल्म के असली वांगचुक ने की देश से अपील, कहा- चीनी सामान का करें बॉयकॉट’

सेना जवाब देगी बुलेट से, हम जवाब देंगे वॉलेट से

एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाने वाला प्रतिष्ठित मैग्ससे अवार्ड विजेता सोनम वांगचुक को आप शायद ही जानते हीं होंगे। बता दें कि, थ्री इडियट फिल्म के आदर्श यही सोनम वांगचुक थे। इन्हीं पर पूरी फिल्म बनी थी। हाल ही में सोनम वांगचुक ने चीनी सामानों को बहिष्कार करने की अपील की है। वांगचुक ने देशवासियों से यूट्यूब वीडियो के जरिए ये अपील की है। उन्होंने अपने यूट्यूब वीडियो में भारत चीन विवाद के बारे में विस्तार से बताया है। आइये जानते हैं, आखिर सोनम वांगचुक देशवासियों से क्या अपील कर रहे हैं।

अपने वीडियो के शुरूआत में उन्होंने कहा कि मैं अभी लद्दाख में हूँ और आप यहां सिंधु नदी को बहते हुए देख सकते हैं। और वो जो पहाड़ियां आपको दिख रही हैं, उन्हीं पहाड़ियों के पीछे नुब्रा और चांगतांग के कुछ इलाके हैं, जहां आजकल भारत चीन विवाद बढ़ता जा रहा है। वांगचुक ने कहा कि हजारों की संख्या में सैनिक वहां ले जाए जा चुके हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वहां चीन ने अपने वायु सेना के जहाज भी तैनात कर दिए हैं और कुछ देर पहले यहां से भारतीय वायु सेना के जहाज भी गुजरे हैं।

सैनिक और नागरिक दोनों दें चीन को मुंहतोड़ जवाब

वीडियो में आगे वांगचुक ने कहा कि आमतौर पर जब सीमाओं में तनाव या झगड़े की स्थिति होती है तो हमारे आपके जैसे तमाम नागरिक यही सोचते हैं कि विरोधियों का जवाब देने के लिए सीमा पर सैनिक तैनात हैं, लेकिन मैं आप सभी लोगों को बता देना चाहता हूं कि इस बार सिर्फ सैनिक ही नहीं बल्कि नागरिक भी जवाब दें।

अपने वीडियो में सोनम आगे कहते हैं कि चीन सिर्फ भारत के साथ ही नहीं बल्कि पिछले कई दिनों से दक्षिणी चीन सागर में मौजूद वियतनाम, ताइवान और हांगकांग के साथ भी छेड़छाड़ की कोशिश कर रहा है। वांगचुक कहते हैं कि मेरी राय से चीन किसी देश से दुश्मनी के कारण नहीं, बल्कि अपने देश के अंदर की समस्याओं को सुलझाने के लिए ऐसा कर रहा है।

आज के तारीख में चीन को सबसे बड़ा डर उसकी अपनी जनता से है। वांगचुक कहते हैं कि 140 करोड़ की आबादी वाला देश चीन के लिए सबसे बड़ा खतरा उसकी आबादी ही है। उनकी पूरी आबादी चीन की तानाशाही सरकार के लिए बंधुआ मजदूर की तरह काम करती है। ऐसे में अगर ये चीनी जनता नाराज हो जाए, तो एक बार फिर से क्रांति की लहर उठ सकती है। और चीन को सबसे बड़ा डर इसी नागरिक क्रांति से है।

कोरोना के भयंकर प्रकोप के बाद चीन में आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप पड़ी हैं। चीन में इस समय बेरोजगारी 20 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। वांगचुक का कहना है कि आर्थिक गतिविधियों के ठप हो जाने से नागरिक परेशान हैं, गुस्से में हैं, क्रांति की स्थिति पैदा हो रही है। ऐसे में तख्तापलट की भी संभावना है। इन चीजों को शांत रखने के लिए चीनी सरकार अपने पड़ोसियों से पंगा ले रही है। वांगचुक ने इतिहास याद दिलाते हुए कहा कि, जब 1962 में चीन ने भारत के साथ विश्वासघात किया था तो उस समय भी चीन ने अपनी जनता को अपने साथ जोड़े रखने के लिए किया था। उस समय चीन में 4 साल का अकाल और भूखमरी हुई थी।

बुलेट नहीं वॉलेट पॉवर दिखाएं

चीन के लिए सबसे जरूरी है, अपने देश की जीडीपी को गतिमान रखना। वांगचुक कहते हैं कि, जिस दिन चीन की जीडीपी गिर गई उसी दिन चीनी जनता क्रांति करेगी। उन्होंने कहा, इस बार भारत की बुलेट पॉवर से ज्यादा वॉलेट पॉवर काम आएगी। वांगचुक ने कहा कि चीनी सामान खरीदने में भारतीय नागरिक कम पैसे खर्च करें।

वांगचुक ने अपने वीडियो में ये भी कहा कि, जरा सोचिए हम सब भारतीय उद्योग को मार रहे हैं और चीन से हर साल तकरीबन 5 लाख करोड़ रूपए का सामान खरीद रहे हैं। वे ये भी कहते हैं कि हमारा ही पैसा हमारे ही सैनिकों के खिलाफ काम में लाया जाता है। भारतीय जनता को संबोधित करते हुए सोनम वांगचुक कहते हैं कि अगर 130 करोड़ भारतीय और 3 करोड़ प्रवासी भारतीय जो विदेशों में रहते हैं। सब साथ मिलकर बॉयकॉट मेड इन चाइना मूवमेंट जैसा अभियान शुरू करते हैैं, तो चीन के प्रति पूरी दुनिया में एक विरोधी माहौल बनेगा।


भारतीयों द्वारा चीन के बॉयकॉट करने से हो सकता है कि दुनिया के बाकी देश भी हमारे साथ आएं। वांगचुक कहते हैं कि, अगर इतनी बड़ी संख्या में इस मूवमेंट को आगे बढ़ाया जाएगा तो वही होगा, जिसका चीन को सबसे ज्यादा डर है। यानी कि चाइना की अर्थव्यवस्था डगमाएगी और फिर जनता का गुस्सा सरकार पर फूटेगा। ऐसे में चीन में तख्तापलट भी हो सकता है। अगर हम सब भारतीय मिलकर ऐसा नहीं करते हैं, तो ये भारत के लिए बदनसीबी होगी।

वांगचुक ने कहा कि जरा सोचिए एक तरफ सीमा में हमारी सेना जंग लड़ रही होगी और दूसरी तरफ हम सभी नागरिक मिलकर चीनी मोबाइल एप टिक टॉक से लेकर बाकी सभी सामानों का बॉयकॉट करेंगे। अगर हम ऐसा करते हैं, तो निश्चित रूप से हमारी जीत होगी।

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