इस गलती की वजह से कंगाल हो गए थे अनुपम खेर, बर्बाद हो गया था फिल्मी करियर
बॉलीवुड के एक मँझे और सुलझे हुए अभिनेता अनुपम खेर फिल्मी दुनिया के पुराने खिलाड़ियों में से एक हैं। अनुपम पिछले 36 सालों से फिल्मी दुनिया में एक्टिव हैं। उनकी पहली फिल्म 25 मई 1984 को आई थी, जिसका नाम सारांश था। यानी फिल्मी दुनिया में अनुपम को 36 साल पूरे हो गए। इसी मौके पर अभिनेता ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते खास संदेश लिखा है। आइये जानते हैं आखिर क्या लिखा है अनुपम खेर ने। साथ ही इस आर्टिकल के जरिए हम आपको अनुपम खेर से जुड़े कुछ खास किस्सों के बारे में भी बताएंगे।
अभिनेता अनुपम खेर ने लिखा, ‘ फिल्मों में मेरा आज 36वां जन्मदिन है। मेरी पहली फिल्म सारांश, जिसका निर्देशन महेश भट्ट ने किया था, वो फिल्म आज ही के दिन 25 मई 1984 को रिलीज हुई थी।’ अनुपम ने लिखा कि मैं 28 साल का था और मैंने इस फिल्म में 65 साल के एक बूढ़े का रोल निभाया था। आज मुझे फिल्मी दुनिया में 36 साल हो गए। और अब तक का मेरा फिल्मी सफर अद्भूत रहा है। मेरे लिए प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स ही भगवान हैं। और उनसे भी ज्यादा आप सभी लोग, दर्शक जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया और सपोर्ट किया। अंत में अनुपम ने लिखा कि मैं आप सभी का आभारी हूँ।’
36 years of SAARANSH! He was just 28 years old when he made his debut in this iconic role of a school teacher who has lost his son in an act of senseless violence. Thank you, Anupam for helping me birth this heartbreaking inspired creation. @AnupamPKher #Saaransh pic.twitter.com/LA91wmuL6R
— Mahesh Bhatt (@MaheshNBhatt) May 25, 2020
महेश भट्ट की फिल्म सारांश से बॉलीवुड में डेब्यू में करने वाले अनुपम को महेश ने ट्विटर पर बधाई दी। महेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सारांश के 36 साल। अनुपम केवल 28 साल का था, जब उसने एक स्कूल टीचर का आदर्श रोल निभाकर डेब्यू किया था। शुक्रिया, अनुपम तुमने मुझे इस प्रेरणा देने वाली रचना के जरिए फिल्मी दुनिया में आने में मदद की।’
‘सारांश’ की शूटिंग से पहले अनुपम खेर फिल्म से बाहर किए गए…
गौरतलब हो कि फिल्म सारांश के लिए अनुपम खेर को साइन किया गया था, जबकि उस समय कई बड़े और नामी एक्टर मौजूद थे। इस फिल्म को राजश्री प्रोडक्शन के मालिक ताराचंद बड़जात्या प्रोड्यूस कर रहे थे। फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले अनुपम को ये जानकारी दी गई कि उनकी जगह संजीव कुमार को कास्ट कर लिया गया है। ये खबर सुनकर अनुपम ने सीधे महेश भट्ट को फोन लगा दिया। उधर से महेश ने बताया कि राजश्री प्रोडक्शन को इस फिल्म के लिए कोई जाना माना एक्टर चाहिए, इसलिए तुम्हारी जगह संजीव कुमार को लिया गया।
आप एक नंबर के झूठे और फ्रॉड हैं…
गुस्से में अनुपम महेश भट्ट के घर पहुँच गए और वहां बोले, जाने से पहले मैं आपको एक बात बता दूं कि आप एक नंबर के झूठे और फ्रॉड हैं। ये बात महेश भट्ट के दिल में लग गई, उन्होंने तुरंत राजश्री प्रोडक्शन को फोन किया और कहा यदि इस फिल्म में अनुपम खेर नहीं होंगे तो मैं इस फिल्म को डायरेक्ट नहीं करूंगा। इस तरह से फिल्म सारांश अनुपम खेर की पहली फिल्म बनी।
हर तरह के रोल में हिट रहे अनुपम खेर
आपको बता दें कि अनुपम ने अपने लंबे फिल्मी कैरियर में कई सुपरहिट फिल्में बॉलीवुड को दी हैं। उन्होंने कॉमेडियन, पिता, गैंगस्टर, विलेन, पति समेत हर तरह के रोल निभाए हैं। और उनके हर रोल को दर्शकों ने पसंद भी किया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अनुपम के जीवन में एक समय ऐसा था जब वो पूरी तरह से कंगाल हो गए थे।
बनना चाहते थे टाइकून हो गए बर्बाद
गौरतलब हो कि अनुपम खेर ने अपनी जिंदगी में एक ऐसी फिल्म बनाई ,जिसके बाद वो दिवालिया हो गए। सन 2005 में उन्होंने अपने प्रोडक्शन हाउस से फिल्म ‘मैनें गांधी को क्यों नहीं मारा’ बनाई। बाद में हुए एक इंटरव्यू में अनुपम ने बताया था कि इस फिल्म के जरिए वो टाइकून बनना चाहते थे, लेकिन इस फिल्म ने उन्हें बर्बाद कर दिया।
इसी इंटरव्यू में अनुपम ने बताया था कि मैं अनुपम खेर स्टूडियो बनाने की चाहत रखता था, लेकिन इस फिल्म ने मुझे पाई पाई को मोहताज कर दिया। अनुपम ने बताया कि उन दिनों मेरे पास 5 हजार रूपए भी नहीं बचे थे। इसके बाद मैंने अपना नाटक कुछ भी हो सकता है किया, फिर इस प्ले के जरिए कुछ पैसे मेरे पास आए।
एक्टिंग इंस्टीट्यूट ‘द एक्टर प्रीपेयर्स’ के पीछे की कहानी
साल 2015 की बात है, जब अनुपम ने आइफा अवार्ड शो में अपने एक्टिंग स्कूल खोलने के पीछे की कहानी बताई थी। उन्होंने बताया था- 2005 में दिवालिया होने का ही नतीजा है उनका एक्टिंग इंस्टीट्यूट ‘द एक्टर प्रीपेयर्स। अनुपन ने कहा था कि, जब वो फिल्म निर्माण के तमाम पहलुओं पर फेल हो गए, तो अंततः उन्होंने एक्टिंग स्कूल खोलने का मन बना लिया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अनुपम ने अपनी एक्टिंग स्कूल की शुरूआत एक छोटे से कमरे में 12 छात्रों के साथ की थी।