हरियाणा में 103 गांवों में हुई हिंदूओं की आबादी शून्य, धर्मांतरण विरोधी कानून लाएगी हरियाणा सरकार
हरियाणा में धर्मांतरण विरोधी कानून लाने को लेकर काम किया जा रहा है और जल्द ही इस राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू कर दिया जाएगा। दरअसल हरियाणा में 103 गांव हिंदू विहीन हो गए हैं। जिसकी वजह से अब ये कानून इस राज्य में लाया जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद के नेताओं के अनुसार इस राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस दिशा की और कदम उठा लिया है और धर्मांतरण विरोधी कानून को लाने का काम शुरू हो गया है।
हरियाणा में हिंदुओं के हो रहे धर्मांतरण को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। जिसमें कहा गया था कि 50 गांवों में हिंदुओं की आबादी जीरो रहे गई है। विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने इस विषय पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और उन्हें रिपोर्ट की जानकारी दी। विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से मिलकर उन्हें बताया कि हरियाणा में कई सारे गांव हिंदू विहीन हो रहे हैं और धर्मांतरण पर रोक लगाने की जरूरत है। विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से हुई इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने हरियाणा में धर्मांतरण विरोधी कानून जल्द लाने की बात कही है।
शुक्रवार को की मुलाकात
मेवात में हिन्दू विरोधी गतिविधियों को लेकर विश्व हिन्दू परिषद के सेंट्रल ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी ने कई लोगों के साथ मिलकर शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान हरियाणा के कई सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ वीएचपी के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी शामिल थे। इन सबने खट्टर को एक रिपोर्ट भी सौंपी है। जिसमें ये कहा गया है कि इस राज्य के कई गांवों में हिंदुओं की आबादी जीरो रहे गई है।
103 गांवों में हिंदूओं की है शून्य आबादी
सीएम खट्टर को जो रिपोर्ट दी गई थी उसमें सिर्फ 50 गांवों के बारे में ही बताया गया था। जहां पर हिंदुओं की आबादी शून्य रहे गई है। लेकिन हकीकत में इस राज्य के 103 ऐसे गांव हैं, जहां पर हिंदुओं की आबादी शून्य है। जिसमें से 82 से ज्यादा ऐसे गांव हैं जहां पांच से भी कम परिवार बचें हैं। वीएचपी के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी सुरेन्द्र जैन की और से ये जानकारी दी गई है। डा. सुरेंद्र जैन के अनुसार उन्होंने 16 मई को जो रिपोर्ट सीएम को भेजी थी। उसमें 50 गांवों का जिक्र था जो कि पूरी तरह से हिंदूविहीन हो गए है। लेकिन जब विस्तार में सर्वे किया गया तो पाया कि हिंदू विहीन गांव की संख्या 103 है। जिसमें से मेवात के 84 गांव ऐसे हैं, जहां हिंदुओं के पांच से कम परिवार ही बचे हैं।
वहीं सीएस से मुलाकात को लेकर इन्होंने कहा कि सीएम खट्टर ने सभी चीजों को गंभीरता से लिया और आश्वासन दिया है कि वे इस मामले पर फौरन कार्रवाई करेंगे।
जबरन हो रहा है धर्मांतरण
डा. सुरेंद्र जैन के मुताबिक गांव के हिंदू विहीन होने का मुख्य कारण जबरन धर्मांतरण है। इन गांव में हिंदुओं का जबरन धर्म बदलवाया जा रहा है, जिसकी वजह से ये सब हुआ है।
मंदिरों पर किया कब्जा
विश्व हिंदू परिषद की और से तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार कई सारे गांवों में मंदिरों पर कब्जा कर उन्हें मस्जिद में तब्दील किया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस प्रतिनिधिमंडल ने सीएम खट्टर से इस मामले को लेकर उच्चस्तरीय जांच समिति बनाने, उसके नतीजे और इस बारे में सिफारिशों की मांग की गई है।