18 मई से नए रंग रुप में लागू होगा Lockdown 4.0, पीएम मोदी ने की घोषणा
पीएम मोदी ने मंगलवार रात आठ बजे देश की जनता को संबोधित करते लॉकडाउन के चौथे चरण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 4.0 नए रंग रूप में होगा और इससे संबंधित सभी जानकारी देशवासियों को 18 मई से पहले बताई जाएगी। पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से पहले ऐसे अनुमान लगाए जा रहे थे कि पीएम लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं, क्योंकि कुछ दिन पहले हुए पीएम-सीएम बैठक में कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन आगे बढ़ाने की बात कही थी।
नियमों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ेंगे
प्रधानमंत्री ने देश की जनता को बताया कि वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना हमारे जीवन में लंबे समय तक रहेगा। ऐसे में ये संभव नहीं है कि हमारा पूरा जीवन कोरोना के ईर्द गिर्द ही रह जाए। पीएम ने कहा कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा, हम मास्क पहनेंगे और 2 गज की दूरी का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि मुझे अपने देशवासियों पर पूरा भरोसा है कि नियमों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ेंगे और देश का विकास भी करेंगे।
ये क्राइसिस अभूतपूर्व
पीएम मोदी ने कहा कि एक वायरस ने पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया। बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं इस वायरस के सामने धराशायी हो गईं। हमारा पूरा देश इस वायरस से पिछले चार महीने से लड़ रहा है। पीएम ने बताया कि दुनिया भर के तमाम देशों के तकरीबन 42 लाख लोग इस वायरस के चपेट में आ चुके हैं और पौने तीन लाख से अधिक लोगों की दुखद मृत्यु भी हुई है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमने ऐसा संकट न पहले कभी सुना है और न देखा है। ये सचमुच अकल्पनीय और अभूतपूर्व है, लेकिन मानव को थकना, हारना, टूटना और बिखरना मंजूर नहीं है। पीएम ने कहा कि आज जब पूरी दुनिया विकट परिस्थिति में है, तो हमारा संकल्प इस वायरस के प्रकोप से भी विराट होना चाहिए।
हर रोज 2 लाख PPE किट बनाए जा रहे
देश के नाम संबोधन में पीएम ने बताया कि कोरोना महामारी से पहले हमारे देश में PPE किट का निर्माण नहीं होता था, जबकि N95 मास्क का उत्पादन भी नाममात्र के लिए होता था। इन सभी चीजों के लिए हम दूसरे देशों पर निर्भर थे, लेकिन कोरोना की वजह से आज परिस्थितियां बदल गई हैं और हमारे देश में 2 लाख PPE किट हर रोज बनते हैं।
आत्मनिर्भर भारत
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जिन दो शब्दों पर सबसे ज्यादा जोर दिया, वो आत्मनिर्भर भारत है। इस संबोधन के बाद सभी भारतवासियों के दिमाग में ये दो शब्द घर कर गए होंगे। इस संबंध में पीएम ने कहा कि भारत का मूलभूत चिंतन, आशा की किरण नजर आता है। भारत की संस्कृति, भारत के संस्कार, उस आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, जिसकी आत्मा वसुधैव कुटुंबकम है। पीएम ने बताया कि भारत अगर आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो भारत आत्मकेंद्रित व्यवस्था की वकालत कदापि नहीं करता है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता में संसार के सभी सुख, सहयोग और शांति की चिंता भी समाहित होती है।
हम ठान लें तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं
पीएम ने कहा कि दुनिया के तमाम देशों को इस बात का भरोसा है कि भारत अच्छा कर सकता है। न सिर्फ अच्छा कर सकता है, बल्कि मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ बेहतर दे भी सकता है। ऐसे में हमारे सामने सवाल ये है कि-आखिर कैसे? इसका जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि 130 करोड़ देशावासियों का आत्मनिर्भर होने का संकल्प ही इसका जवाब है।
आज हमारे पास साधन, सामर्थ्य और दुनिया का सबसे बेहतरीन टैलेंट है। पीएम मोदी ने कहा कि हम बेस्ट प्रोडक्ट बनाएंगे और अपनी क्वालिटी बेहतर बनाएंगे। इसके साथ ही सप्लाई चेन को आधुनिक बनाएंगे। ऐसा हम कर सकते हैं और ऐसा हम जरूर करेंगे।
कोरोना काल में पीएम मोदी का पांचवा संबोधन
कोरोना के इस संकट भरे समय में पीएम मोदी का ये पांचवां देश के नाम संबोधन था। पीएम का पहला संबोधन 18 मार्च को हुआ और उन्होंने कहा कि 22 मार्च को सुबह 9 से रात 9 तक देशव्यापी जनता कर्फ्यू लागू होगा। दूसरा संबोधन 24 मार्च को हुआ। अपने इस संबोधन में पीएम ने कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए 21 दिनों का नेशनल लॉकडाउन घोषित किया। तीसरा संबोधन 14 अप्रैल को हुआ और पीएम ने लॉकडाउन की अवधि अगले 19 दिनों तक बढ़ा दिया। इसके बाद पीएम मोदी ने एक बार वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए लोगों से बातचीत की थी।