कोरोना से जंग के बीच इस वजह से चर्चा में आई ये लेडी IPS, कर चुकी है बॉलीवुड फिल्मों में काम
देश में कोरोना के कहर को देखते हुए 3 मई तक लॉकडाउन कर दिया गया है. इस दौरान सभी अपने-अपने घरों में बंद हैं और किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं है. बस केवल जरूरी काम होने पर ही व्यक्ति बाहर निकल सकता है और वह भी सरकार की कुछ शर्तों के साथ. सरकार ने घर से बाहर निकलने वाले सभी लोगों के लिए मास्क अनिवार्य कर दिया है और साथ ही निर्देश दिए हैं कि घर से एक समय पर केवल एक ही व्यक्ति बाहर निकलेगा. सरकार के इस लॉकडाउन का पालन सभी लोग कर रहे हैं.
इस दौरान एक महिला की कविता सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. कविता का शीर्षक है- मैं खाकी हूं. शायद आप में से कुछ लोगों ने ये कविता पढ़ी भी होगी. बता दें, ये कविता लिखने वाली महिला कोई आम महिला नहीं है, बल्कि एक आईपीएस ऑफिसर है. जी हां, आईपीएस अफसर सिमाला प्रसाद की इस कविता को लोग खूब पसंद कर रहे हैं.
बता दें, सिमाला प्रसाद को लोग इंडिया पुलिस सर्विस में एक दबंग अफसर के तौर पर पहचानते हैं. सिमाला कई गुंडों को धूल चटा चुकी हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिमाला बॉलीवुड फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं. वह अलिफ़ और नक्काश नाम की फिल्म में नजर आई थीं. अलिफ़ साल 2016 में आई थी और नक्काश साल 2019 में. इन दोनों ही फिल्मों की डायरेक्टर पूर्व पत्रकार जैगम इमाम थीं. सिमाला की एक्टिंग को लोगों ने काफी सराहा भी था.
सिमाला ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी फिल्म की निर्देशक जैगम से पहली मुलाक़ात दिल्ली में हुई थी. तब वह अपनी फिल्म अलिफ़ के लिए किरदार की तलाश में थीं और मुझे रोल मिल गया. सिमाला के अनुसार फिल्म समाज को एक अच्छा संदेश देने का काम करती है और इसी वजह से उन्होंने फिल्म के लिए हां की थी.
सिमाला ने बताया कि आईपीएस में सिलेक्शन होने से पहले वह थिएटर में थोड़ा बहुत काम कर चुकी थीं. इसलिए वह एक्टिंग में नयी नहीं थीं. उनकी मां का नाम मेहरूत्रिसां परवेज हैं, जो कि पेशे से एक राइटर हैं. मां के जरिये ही उनकी मुलाकात जैगम से हुई और स्क्रिप्ट सुनी. काम से छुट्टी लेकर सिमाला ने फिल्म की शूटिंग कंप्लीट की.
सिमाला प्रसाद 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. सिमाला ने इस मंजिल तक का सफ़र अकेले ही तय किया है. यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने कभी किसी कोचिंग सेंटर का सहारा नहीं लिया. घर पर खुद से मेहनत करके और घंटों पढ़ाई करने के बाद वह आज इस मुकाम पर पहुंची पायी हैं. इस कामयाबी का श्रेय सिमाला को ही जाता है. बता दें, भोपाल के बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी से सिमाला ने अपनी पढ़ाई पूरी की है और पीजी करने के दौरान उन्होंने अपने नाम गोल्ड मैडल भी किया था.
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