अनाथ महिला ने लॉकडाउन में तोड़ा दम, पुलिसवालों ने बेटा बन दिया बेसहारा को कंधा
चीन से उपजा खतरनाक कोरोना वायरस आज पूरी दुनिया की नाक में दम किए हुए हैं. इस वायरस की वजह से विश्वभर में लाखों जाने जा रही हैं. भारत में भी स्थिति खराब चल रही हैं. यहाँ अभी तक 12 हजार से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. देशभर में इस स्थिति से निपटने के लिए लॉकडाउन का एलान किया गया हैं. हालाँकि कुछ जाहिल और लापरवाह लोग स्थिति की गंभीरता को समझ नहीं रहे हैं और लॉकडाउन का उलंघन भी कर रहे हैं. इस लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए और आपकी सुरक्षा का ध्यान रखने के लिए खाकी वर्दी पहने हमारे पुलिसकर्मी दिन रात लगे हुए हैं. कई तो कोरोना के डर से अपने घर भी नहीं जा रहे हैं ताकि उनकी वजह से परिवार वालो की जान खतरे में ना पड़ जाए. ये पुलिसवाले रात दिन एक कर हमें सुरक्षित रखने की दिशा में काम कर रहे हैं.
लेकिन कुछ लोगो को इन पुलिसवालों की कदर नहीं हैं और वे इन पर हमला तक कर रहे हैं. हालाँकि इसके बावजूद पुलिसवाले अपनी ड्यूटी निभाते हुए समाज के इन जाहिलों को आईना दिखा रहे हैं. इस लॉकडाउन के माहोल में देशभर से कई ऐसी तस्वीरें और विडियोज वायरल हो रहे हैं जिसे पुलिसवालों की नेकदिली दिखाई दे रही हैं. ऐसा ही एक नजारा उत्तरप्रदेश के सहारनपुर में भी बीते मंगलवार देखने को मिला. दरअसल यहाँ कुछ पुलिसकर्मियों ने एक बेसहारा महिला के शव को बेटा बन कंधा दिया. पुलिसवालों के इस मानवीय चेहरे की फोटो अब सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही हैं. जिसने भी ये तस्वीर देखी उसने पुलिस को दिल से सलाम किया.
बेसहारा बुजुर्ग अम्मा मीना हरिजन के लिए बेटा बनी @myogiadityanath जी की पुलिस, बीमार पड़ने पर अस्पताल ले जाकर की सेवा, देहांत के बाद दिया कंधा, पूरे रीति रिवाजों से किया अंतिम संस्कार, वाक़या यूपी के सहारनपुर का। pic.twitter.com/Cw72l1XZIj
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) April 15, 2020
दरअसल बडग़ांव कस्बे के गांव किशनपुरा में रहने वाले हरिया की विधवा मीना का 55 वर्ष की उम्र में देहान्त हो गया था. मीना मजदूरी कर अपना गुजारा किया करती थी लेकिन लॉकडाउन की वजह से उसे कई परेशानियाँ आ रही थी. इस बीच वो बीमार भी पड़ गई थी. ऐसे में मंडलायुक्त संजय कुमार के निर्देश पर बडग़ांव पुलिस भोजन लेकर मीना के पास गई थी. यहाँ एसएसआई दीपक चौधरी ने इस बीमार एवं बेसहारा महिला को पहले अपने हाथो से खाना खिलाया और फिर सरकार हॉस्पिटल भेज दिया. चुकी मीना का आगे पीछे कोई भी रिश्तेदार नहीं था इसलिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुलिस की गाड़ी ही उसे हॉस्पिटल ले गई थी. दुर्भाग्यवश यहाँ इलाज के दौरान ही मीना ने अपने प्राण त्याग दिए थे.
ऐसे में मानवता का परिचय देते हुए एसएसआई दीपक चौधरी, कॉन्स्टेबल गौरव कुमार और विनोद कुमार मृत मीना के बेटे बन गए और उसके शव को कंधा देकर शमशान घाट ले गए. इसके बाद यहाँ मीना का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान पुलिस टीम के सभी लोगो ने सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखा. इस दौरान मीना को मुखाग्नि गांव के नरेंद्र ने दी. सीएचसी प्रभारी अमित कुमार के अनुसार मीना को खून की कमी हो गई थी जिसके चलते उसके दिल ने काम करना बंद कर दिया था.
वैसे आप लोगो को पुलिस का ये मानवीय काम कैसा लगा हमें कमेंट कर जरूर बताए. साथ ही इस फोटो को शेयर भी करे.