चीन से पलायन करने वाले कंपनियों को UP लाने की तैयारी में योगी सरकार, बन रही है योजना
कोरोना वायरस के फैलाव के चलते कई उद्योग ऐसे हैं, जो चीन से पलायन करने की सोच रहे हैं। चूंकि चीन ही इस वायरस का जनक है, इसलिए इससे बचने के लिए कई उद्योग यहां से पलायन करने की तैयारी में हैं। आने वाले दिनों में उद्योग जगत में दुनिया भर से कई ऐसे फेरबदल देखने को मिल सकते हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश से ये खबर है कि, चीन से पलायन करने वाले उद्योगों को उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित करने का प्लान तैयार किया जा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो मुख्यमंत्री के आदेशानुसार इसकी प्लानिंग की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने इस संबंध में बुधवार को एक संयुक्त बैठक की। बैठक में अफसरों को इस बात का निर्देश दिया गया है कि चीन से पलायन करने वाली कंपनियों को उत्तर प्रदेश लाए जाने के विषय पर रूपरेखा तैयार की जाए। बैठक में इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई कि चीन से अपना उद्योग धंधा अन्य देशों में शिफ्ट करने का विचार कर रही कोरिया, जापान, अमेरिका और यूरोपियन कंपनियों को उत्तर प्रदेश में कैसे जगह दी जाए।
उत्तर प्रदेश में आने की इच्छुक कंपनियों को इंवेस्टमेंट के जरिए आकर्षित करने को इंसेंटिव और कैपिटल सब्सिडी आदि देने पर बैठक में विस्तार से चर्चा हुई है। नीति में निवेश बढ़ाने के लिए भी आवश्यक संशोधन के बात पर चर्चा हुई है। ऐसा बताया जा रहा है कि, केंद्र सरकार से भी औद्योगिक और निवेश नीति में उत्तर प्रदेश के लिए आकर्षक सुविधाएं उपलब्ध कराने पर वहां के अफसरों के साथ बैठक करने को कहा है।
मंत्री सिद्धार्थ सिंह कहते हैं, इस समय विश्व के बड़े उद्यम उत्तर प्रदेश में निवेश करने की इच्छा प्रकट कर चुकी हैं। उन्होंने कहा, दुनिया भर की बड़ी फूड प्रोसेसिंग, गारमेंट और आटो मोबाइल कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहती हैं। और हम उन्हें उत्तर प्रदेश में लाने की भरपूर कोशिश भी कर रहे हैं। इसके अलावा सतीश महाना ने कहा कि, निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा छूट देने की कोशिश करेंगे। और हमारी कोशिश रहेगी कि उद्यमियों को छूट आदि देने के लिए विशेष प्रावधान भी किए जाएंगे।
चीन कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक रहा है। पिछले दिनों वहां लॉकडाउन की वजह से अमेरिकी कंपनियों को छोटे पुर्जों की सप्लाई बाधित हुई। और इससे उत्पादन भी बहुत प्रभावित हुआ है। और अब अमेरिका ने वहां से इन्हें हटने को कह दिया है। वैसे अक्सर अमेरिकी कंपनियों को लुभाने की कोशिश की जाती रही है। अमेरिकी कंपनियों को लुभाने की कोशिश यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल द्वारा भी की जाती रही है। चूंकि इस समय पूरी दुनिया का माहौल बदला है। लॉकडाउन की वजह से अक्सर कंपनियां घाटे में हैं, और उत्पादन से लेकर मांग तक प्रभावित हुई है। केवल यही दो देश नहीं, और देशों की कंपनियों के निवेश के लिए तैयार करने के लिए यूपी में पहले से ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट इस साल नवंबर दिसंबर में होनी तय है। कोरोना संकट के चलते इसका समय कुछ आगे बढ़ाया जाए।