दीपिका पादुकोण की माँ ने बेटी को सिखाई ये 8 अच्छी बातें, जैसे हो वैसे ही रहो
दीपिका पादुकोण बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस में आती हैं. अभिनय में महारत हासिल करने के साथ साथ दीपिका निजी जीवन में भी एक अच्छी महिला, केयरिंग बेटी और समझदार पत्नी हैं. दीपिका के अंदर कई ऐसी खूबियाँ हैं जिससे बाकि लड़कियां भी प्रेरणा ले सकती हैं. वे अपनी प्रोफेशनल लाइफ और फैमिली लाइफ को बहुत अच्छे से बैलेंस कर के चलती हैं. दीपिका की इन खूबियों के पीछे उनके माँ के दिए संस्कार और सिख हैं. दीपिका की माँ उज्ज्वला पादुकोण ने अपनी बेटी की परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ी हैं. उन्होंने बेटी को कुछ ऐसी काम की चीजें सिखाई हैं जिनकी बदौलत आज दीपिका लाइफ में एक सफल महिला हैं. आप भी इन बातों को अपनी बेटियों को सिखा उन्हें जीवन में सफलता पाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं.
जैसे हो वैसे ही रहो
दीपिका बचपन में टॉम बॉय (लड़कों की तरह रहने वाली लड़की) थी. इसके साथ ही वे बहुत शरारत भी करती थी. हालाँकि उनकी मम्मी ने कभी दीपिका को बदलने की कोशिश नहीं की. उन्होंने समझा कि उनकी बेटी बाकी बच्चों से अलग हैं. फिर समय के साथ साथ दीपिका में खुद ही बदलाव हुआ और उन्होंने अपनी एक अलग पर्सनालिटी बना ली. इससे ये सिख ले कि दुसरे के बच्चों को देख अपने बच्चों पर बदलने का प्रेशर नहीं डालना चाहिए.
आत्मनिर्भर बनो
दीपिका की माँ की यही सोच हैं कि लड़कियों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना चाहिए. यही वजह हैं कि उन्होंने दीपिका को 17 साल की उम्र में ही मुंबई करियर बनाने जाने दिया था. दरअसल इस पुरुष प्रधान समाज में जब लड़कियां आर्थिक रूप से इंडिपेंडेंट हो जाती हैं तो उन्हें अपनी जरूरतों के लिए दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता हैं.
दिल की सुनना
दीपिका के पिता प्रकाश पादुकोण एक प्रोफेशनल बैडमिंटन प्लेयर रह चुके हैं. ऐसे में दीपिका भी बचपन से स्पोर्ट्स और बैडमिंटन में अच्छी थी. हालाँकि जब करियर चॉइस की बात आई तो दीपिका की माँ ने बेटी के ऊपर कोई भी प्रेशर नहीं डाला. लंबी हाईट होने की वजह से दीपिका मॉडलिंग करना चाहती थी, ऐसे में उनकी माँ ने दीपिका को मुंबई जाकर करियर बनाने की छूट दे दी थी. यदि उनकी माँ रोकटोक करती तो शायद आज दीपिका ना तो मॉडलिंग करती और ना ही उन्हें बॉलीवुड में काम करने का मौका मिलता. इसलिए अपने बच्चों को हमेशा दिल की सुनने दे.
पैसों की वेल्यू
दीपिका की मम्मी ने बेटी को आर्थिक रूप से स्ट्रांग बनने के साथ साथ पैसो की कीमत समझना भी सिखाया. मेहनत की कमाई को फिजूल खर्च में नहीं उड़ाना चाहिए. जहाँ जितनी जरूरत हो उसी हिसाब से पैसा खर्च करना चाहिए. इसी सिख की बदौलत दीपिका मुंबई जैसी सिटी में अपने संघर्ष के दिनों में टिक पाई थी.
खुद पर यकीन रखों
जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं रखेंगे तब तक सफलता प्राप्त नहीं कर पाएंगे. दीपिका जब स्ट्रगल के दिनों में सफलता के लिए तरस रही थी तो उनकी मम्मी ने खुद पर यकीन रखने की सलाह देते हुए बेटी का होसला बढ़ाया था. यदि उनकी मम्मी दीपिका को डीमोटिवेट कर वापस बुला लेती तो वे आज इस मुकाम पर नहीं होती.
असफलता से डरो नहीं सीखो
लाइफ में फ़ैल होना आम बात हैं. जब आप असफल हो तो उससे डरने या उदास होने की बजाए सीखना चाहिए कि आप ने गलती कहाँ की थी. इसके बाद दोबारा कोशिश करना चाहिए. इसी सिख के चलते दीपिका ने अपने करियर में कभी हार नहीं मानी.
डेली रूटीन बनाओ
दीपिका आज तक अपने डेली रूटीन का टाइम टेबल फॉलो करती हैं. कब कौन सा काम करना हैं इसका एक प्रॉपर शेड्यूल होता हैं. इससे लाइफ काफी आसान हो जाती हैं और सभी चीजें समय पर और सही तरीके से होती हैं. ये दीपिका ने अपनी माँ से ही सिखा हैं.
जमीन से जुड़े रहो
अहंकार इंसान को ले डूबता हैं. इसलिए आप लाइफ में कितने भी बड़े मुकाम पर पहुँच जाओ लेकिन सभी से अच्छे से पेश आओ. यदि आप घमंड करते हैं तो जल्दी निचे गिर जाते हैं. यही वजह हैं कि दीपिका अपने सभी सतही कलाकारों और अन्य टीम मेंबर के साथ बड़ी सहजता से बात करती हैं.