तबगीली जमात में महिलाएं भी थी शामिल, देश में और बढ़ सकता है कोरोना का खतरा
जमात में पुरुषों के अलावा कई राज्य और विदेश से महिलाएं भी शामिल हुई थीं
निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल हुए देश विदेश के जमातियों ने देश की स्थिति को बिगाड़ने का काम किया है। इनका पता लगने के बाद क्राइम ब्रांच से लेकर सभी तरह की जांच एजेंसियां जमातियों की तलाश में जुटी हैं। हालांकि ये तलाश सिर्फ पुरुषों को लेकर हो रही हैं जबकि इस जमात में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई थी। सारी तलाश सिर्फ पुरुषों तक ही सीमित है और सभी जांच एजेंसियां इन महिला जमातियों से अनजान है । अगर सही समय पर सभी जमाती महिलाओं का पता नहीं चला तो देश के लिए ये बड़ी समस्याएं खड़ी कर सकती हैं।
जमात में शामिल थी महिलाएं
दरअसल तबलीगी जमात में करीब 9000 देशी-विदेशी मरकज के लिए शामिल हुए थे। वहां पर ये महिलाएं अपने पिता भाई या बेटे के साथ शामिल होती हैं। इस जमात को मस्तूरात की जमात कहते हैं जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल होते हैं। जमात में जाने वाले पुरुषों को मस्जिद में रुकना होता है, लेकिन महिलाएं मस्जिद में नहीं रुकती। महिलाएं वहां मस्जिद के आस-पास के किसी घर में ठहरती है। देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात से जो जमाती मिले थे उसमें महिलाएं भी शामिल थीं।
मरकज में शामिल होने के लिए देश के कई राज्यों के साथ विदेश से भी काफी महिलाएं आई थीं। इस तबलीगी जमात में शामिल लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है और कई जमातियों को अस्पताल भी ले जाया गया है। बाकी जमातियों की पुलिस जांच भी कर रही हैं, लेकिन महिला जमातियों पर अभी तक किसी की नजर नहीं पड़ी है। अगर इन महिलाओं को सही समय पर खोजकर इनकी जांच और इलाज नहीं किया गया तो देश में संकट और बढ़ जाएगा।
महिलाओं को किया गया है क्वारांटाइन
जमात से जुड़े अब्दुल सईद ने बताया की निजामुद्दीन की मरकज मे महिलाओं के ठहरने के लिए एक हॉल की व्यवस्था की गई थी। उस हॉल में किसी भी पुरुष को आने की अनुमति नहीं है। बता दें की मरकज से मस्तूरात की तीन दिन, 40 दिन और दो महीनें की जमातें देश-विदेश में जाती हैं। मार्च के महीने में बहुत सी विदेशी मस्तूरात की जमातें दिल्ली में आई हुई थीं।
ये जमातें दिल्ली की कई मस्जिदों में रुकी हुई थी और कुछ जमाते मरकज में भी रुकी थीं। लॉकडाउन के चलते सभी धार्मिक स्थलों और पूजा-पाठ की जगहों को बंद किया गया था। इसके बाद भी निजामुद्दीन की तबलीगी जमात में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके बाद मरकज को सील कर दिया गया और कई महिलाओं को भी क्वारांटाइन किया गया था। हालांकि दिल्ली पुलिस को अभी इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं मिली है की क्वारांटाइन सेंटर में कितनी जमाती महिलाएं हैं।
अभी तक इन महिलाओं की जांच नहीं हुई है और वो क्वारांटाइन में हैं, लेकिन क्वारांटाइन होने से पहले भी वो कितनी महिलाओं से मिली है इसका पता लगाना काफी कठिन है। अगर एक भी महिला कोरोना पॉजिटिव निकलती है तो उससे मिली और करीब रहीं महिलाओं को भी कोरोना होने के आसार हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से लेकर पुलिस तक के लिए उनका पता लगाना चुनौती बना हुआ है।