इन मजारों पर चढ़ाई जाती है ऐसी-ऐसी चीजें, जिसके बारे में आपने कल्पना भी नहीं की होगी!
भारत एक धार्मिक देश है। यहां हर गली में संत और पीर देखने को मिल जायेंगे। यही वजह है कि आज हर गांव में पीर की मजार देखने को मिलती है। लोग वहां जाकर अपने मन की मुराद मांगते हैं। आपने अक्सर इन मजारों पर चादर चढ़ाने के रिवाज़ के बारे में सुना होगा, लेकिन कुछ ऐसी मजारे भी हैं, जहां चादर नहीं बल्कि कुछ और चीजें चढ़ाई जाती हैं। कमाल शाह की मजार पर झाड़ू चढ़ाने का रिवाज़ है। आइये आपको ऐसी ही कुछ मजारों के बारे में बताते हैं, जहां कुछ अलग चढ़ाने का रिवाज है।
*- गुदड़िया पीर:
आपको जानकर काफी हैरानी होगी कि गुदड़िया पीर की मजार पर पुराने कपड़े चढ़ाने का रिवाज़ है। यह स्थान बदापुर से 5 किलोमीटर दक्षिण की तरफ फूलनगर गांव के सामने है। इस जगह पर जाते ही आपको एक रीठे से सैकड़ों पुराने कपड़े लटके हुए देखने को मिल जायेंगे। ऐसा कहा जाता है कि जब भी कोई महिला इस जगह से गुजरती है तो अपने बच्चे के या अपने पुराने कपड़े चढ़ा देती है। गन्ने के सीजन में जब पहली बार कोई ट्रक चालक इधर से गुजरता है तो अपनी पैंट-शर्ट चढ़ा देता है। इस दरगाह के बारे में कहा जाता है कि जो भी यहां पुराने कपड़े चढ़ा देता है, उसके आगे कोई परेशानी नहीं आती है।
*-लकड़िया पीर:
जैसा की नाम से प्रतीत होता है, इस जगह पर लकड़ी चढ़ाई जाती है। यह स्थान उत्तर प्रदेश के बिजनौर के बढ़ापुर गांव में स्थित है। इस रास्ते से गुजरने वाला किसी भी धर्म का व्यक्ति यहां लकड़ियां चढ़ाना नहीं भूलता है। ऐसा माना जाता है कि लकड़िया पीर लोगों की इस घने जंगल में रक्षा करते हैं। आपको बता दें कि इस स्थान पर कोई मजार भी नहीं दिखाई देती है। जब यहां पर बहुत ज्यादा लकड़ियां इकट्ठी हो जाती है तो लोग उसमें आग लगा देते हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि इस जगह पर मांगी जाने वाली हर मुराद पूरी हो जाती है।
*- कलंदरशाह:
इस जगह पर ताले चढ़ाने का रिवाज़ है। यह स्थान पानीपत में स्थित है। हज़रत शेख शरफुद्दीन अली शाह कलंदर की मजार पर ताले चढ़ाये जाते हैं और लोग ताले चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं। यहां ताला लगाकर जो भी मन्नत मांगी जाती है, वह पूरी हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि मन्नत पूरी हो जाने पर लोग अपने ताले को खोलने के लिए यहां वापस आते हैं।
*- शाह विलायत:
हज़रत सैय्यद शरफुद्दीन शाह विलायत की दरगाह अमरोहा में स्थित है। इस जगह पर सैकड़ों की संख्या में बिच्छू रहते हैं, लेकिन वो किसी को काटते नहीं हैं। चेहरे पर मस्से होने पर यहां पर भी झाड़ू चढ़ाने का रिवाज़ है, इससे मस्से खत्म हो जाते हैं। यहां के बारे में यह भी मान्यता है कि अगर आपके खेत में दीमक या चूहों का प्रकोप है तो आप यहां की मिट्टी या ईंट ले जाकर अपने खेत में रख दें। दीमक और चूहों से मुक्ति मिल जाएगी।