जानें क्या है Triple ‘T’ फार्मूला, जिसकी मदद से दक्षिण कोरिया में नहीं फैल पाया कोरोना वायरस
कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया के कई देश आ चुके हैं। हाालंकि चीन देश ने खुद को इस वायरस की चपेट से बाहर निकाल लिया है। ये वायरस चीन देश में सबसे पहले फैला था। चीन देश की तरह की दक्षिण कोरिया ने भी इस वायरस पर काबू पा लिया है। दक्षिण कोरिया ने बेहद ही कम समय के अंदर इस वायरस को अपने देश में फैलने से रोका है। इतना ही नहीं इस देश में कोरोना वायरस से बेहद ही कम लोगों की मौत भी हुई है।
दक्षिण कोरिया ने इस वायरस को अपने देश में फैलने से रोकेन के लिए जो तकनीक अपनाई थी उसकी चर्चा पूरी दुनिया में की जा रही है और जो देश इस समय कोरोना वायरस की मार झेल रहे हैं। वो इस वायरस को रोकने के लिए दक्षिण कोरिया द्वारा बनाई की नीति को अपना रहे हैं।
Triple ‘T’ फार्मूले की मदद से रोका इस वायरस को
दक्षिण कोरिया ने इस वायरस को रोकने के लिए जो रणनीति बनाई थी उसे Triple ‘T’ फार्मूला कहा जाता है। Triple ‘T’ का मतलब Trace-Test-Treat है। दक्षिण कोरिया में 20 जनवरी को कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। पहला मामला सामने आते ही इस देश की सरकार ने बिना कोई देरी किए इस वायरस को फैलने से रोकने पर जोर दिया।
जो महिला इस वायरस से ग्रस्त पाई गई थी वो कुछ समय पहले ही वुहान से वापस आई थी। वुहान से आने के बाद ये महिला कहां-कहां गई थी। इसकी जांच की गई और पाया गया कि इस महिला ने शिंकॉन्जी चर्च में प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया था। पहला मामला सामने आते ही और इस देश की सरकार ने चर्च में आए लोगों की लोकेशन ट्रेस की। प्रशासन ने सबसे पहले चर्च के सभी दो लाख सदस्यों की सूची हासिल की। उसके बाद इन सभी की जांच की गई। इस दौरान सभी को क्वारंटाइन किया गया और जो इस जांच के बाद संक्रमित पाए गए उनका इलाज शुरू किया गया। ये लोग क्वारंटाइन के नियमों का पालन करें इसके लिए सरकार ने जुर्माने की राशि को दो लाख से बढ़ाकर सात ला कर दिया गया और नियम तोड़ने पर एक साल की सजा का भी प्रावधान भी लागू किया। ट्रिपल टी के फार्मूले से इस देश में कोरोना के मरीजों की संख्या को बढ़ने से रोकने में काफी मदद मिली।
दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस से 9661 लोग ग्रस्त पाए गए हैं और इस देश में बीते 24 घंटों में 78 नए मामले नए आए हैं। जिस तेजी से ये वायरस इस देश में फैला था, अगर समय रहते इसकी रफ्तार कम नहीं की जाती हो संक्रमित लोगों की संख्या कई हजारों में हो सकती थी।
इटली में आजमाया गया ये तरीका
अब कोरोना से ग्रस्त सभी देश Trace-Test-Treat फार्मूले को ही आजमा रहे हैं और ये फार्मूला कारगर साबित हो रहा है। इसी फार्मूले को इटली के ‘वो’ सिटी में भी आजमाया गया और ये फार्मूला कारगर साबित हुआ। कोरोना को रोकने के लिए यहां पर 97 फीसद लोगों का पहले टेस्ट किया गया और फिर संक्रमित लोगों का इलाज किया।