18 अंक के रहस्य से जुड़ा हुआ था महाभारत का युद्ध, युद्ध के दौरान इस अंक का था विशेष महत्व
महाभारत युद्ध भारत में लड़े गए सबसे बड़े युद्धों में से एक है। ये युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच लड़ा गया था और इस युद्ध में पांडवों की जीत हुई थी। जब ये युद्ध शुरू हुआ था उस समय कौरवों का पलड़ा भारी लग रहा था। क्योंकि कौरवों के पास वैशल सेना थी और दिग्गज योद्धा थे। वहीं दूसरी तरफ पांडवों की 7 अक्षोहिनी सेना थी और श्रीकृष्ण जी उनके साथ थे। हालांकि जब ये युद्ध हुआ तो पांडवों ने आसानी से कौरवों का हरा दिया।
रहस्यों से भरा है महाभारत युद्ध
महाभारत के साथ कई सारे रहस्य भी जुड़े हुए हैं और इन्हीं रहस्यों में से एक रहस्य अंक 18 का है। इस यु्द्ध में अंक 8 और 18 का बेहद ही महत्व रहा है और इन दोनों अंकों का रहस्य आज भी बरकरार है।
कृष्ण और 8 अंक का रहस्य
1. भगवान कृष्ण जी के संग 8 अंक कई मायनों से जुड़ा हुआ है। भगवान कृष्ण का जन्म विष्णु जी के आठवें अवतार के रूप में हुआ है और अट्ठाईसवें द्वापर में हुआ था।
2. श्रीकृष्ण देवकी की आठवीं सन्तान थे और इनका जन्म कृष्ण पक्ष की रात को सात मुहूर्त निकलने के बाद यानी आठवें मुहूर्त में हुआ है। इनका जन्म कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन 3112 ईसा पूर्व हुआ था।
3. श्री कृष्ण ने अपने जीवन में कुल आठ विवाह किए थे और इनकी पत्नियों की संख्या आठ थी। इतना ही नहीं इतिहास के अनुसार श्री कृष्ण जी की संखियों की संख्या भी आठ थीं और इनके सखा भी आठ ही थे। यानी आठ अंक से भगवान कृष्ण जी का गहरा नाता था।
महाभारत और 18 अंक का रहस्य
1. महाभारत से 18 अंक विशेष महत्व रखता है। क्योंकि महाभारत के दौरान घटी घटनाओं में ये अंक जरूर आता है। महाभारत के दौरान भगवान कृष्ण जी ने अर्जुनों को गीता का ज्ञान दिया था। जो कि 18 दिनों तक चला था।
2. गीता की पुस्तक में अध्यायों की कुल संख्या 18 ही हैं।
3. महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व को हुआ था और ये युद्ध कुल 18 दिनों तक चला था।
4. इस युद्ध में कौरवों और पांडवों की सेना में कुल 18 अक्षोहिनी सेना थे। जिनमें से कौरवों की 11 और पांडवों की 7 अक्षोहिनी सेना थी।
4. इस युद्ध के प्रमुख सूत्रधार भी 18 थे।
5. महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद इस युद्ध में कुल 18 योद्धा ही जीवित बचे थे।
6. महाभारत को ऋषि वेदव्यास ने लिखा है और इन्होंने कुल 18 पुराण रचे हैं।
महाभारत युद्ध से जुड़ी अन्य जानकारी
- ऐसा माना जाता है कि जब ये युद्ध शुरू हुआ था तो उस समय भगवान कृष्ण 55-56 वर्ष के थे ।
- आर्यभट्ट के अनुसार ये युद्ध 3137 ईसा पूर्व में हुआ।
- कलियुग का आरम्भ कृष्ण के निधन के 35 वर्ष पश्चात हुआ।
- महाभारत युद्ध को जीतने के बाद पांडवों का शासन उन्हें वापस मिल गया था। हालांकि बाद में पांडवों ने अपना शासन त्याग दिया था और ये सब स्वर्ग की यात्रा पर निकल गए थे। लेकिन स्वर्ग तक केवल युधिष्ठिर ही पहुंच पाए थे।
- भगवान कृष्ण जी की नितियों के कारण ही पांडव ये युद्ध जीत सके थे।