एग्जिट पोल : ‘जनता को पप्पू और गप्पू की जोड़ी नहीं आई पसंद’, फिर चला मोदी मैजिक!
नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश का चुनावी दंगल समाप्त हो चुका है और कल इसके नतीजे आने वाले हैं। इसबार के चुनाव प्रचार में राजनीतिक बयानबाजी का स्तर कई आयामों को छूता नज़र आया। कल से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां जीत का दम भर रही थीं, लेकिन जैसे-जैसे एक्जिट पोल सामने आ रहे हैं पार्टियों की टेंशन बढ़ती ही जा रही है। यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य जिनको बीजेपी की ओर से यूपी के अगले सीएम के रूप में देखा जा रहा है उन्होंने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा है कि यूपी को पप्पू और गप्पू की जोड़ी पसंद नहीं है। Akhilesh and rahul alliance.
यूपी की जंग में मोदी मैजिक से पिछड़ गए अखिलेश-राहुल –
पीएम मोदी का जादू फिर चलता हुआ दिख रहा है, उनके समर्थन में जनता का तूफान इसबार बीजेपी को उत्तर प्रदेश के किले पर भगवा फहराते दिखा रहा है। उत्तर प्रदेश के चुनावी इतिहास में ऐसा लग रहा है जैसे यह सबसे शानदार जीत होने जा रही है। इंडिया टुडे ग्रुप के लिए एक्सिस-माय-इंडिया के चुनावी विश्लेषण के अनुसार बीजेपी इस बार सभी विरोधियों को चौंकाते हुए 251-279 सीट पर जीत हासिल करने जा रही है। एक्सिस के अनुसार सपा और कांग्रेस गठबंधन को मात्र 88-112 सीटें और बीएसपी को सिर्फ 28-42 सीटों पर ही जीत मिलती दिख रही है। इन आंकड़ों से सबसे बड़ा झटका राज्य में सत्तारुढ़ समाजवादी पार्टी को लगा है। एग्जिट पोल के मुताबिक सपा-कांग्रेस गठबंधन को मात्र 88 से 112 सीटें ही मिलती दिख रही हैं।
फिर चली मोदी लहर, नहीं बोला अखिलेश का काम –
अगर हम 2014 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखें तो यूपी की जनता ने पीएम मोदी के पक्ष में एकतरफा वोट दिया और देश का पीएम बना दिया। अगर बात एग्जिट पोल की करें तो आंकड़ों से साफ पता चल रहा है कि विधानसभा चुनावों में भी पहले चरण से लेकर अंतिम चरण तक बीजेपी हर बार यूपी की जंग में सबसे बड़ी नज़र आयी है। इससे साफ जाहिर है कि यूपी में मोदी लहर लोकसभा के बाद विधानसभा चुनावों में भी काम कर गई। ‘काम बोलता है’ यह कैंपेन था चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश कि समाजवादी पार्टी का, जिसकी हर जगह चर्चा हुई। लेकिन एग्जिट पोल के आंकड़ों से जाहिर है कि अखिलेश का काम सिर्फ सोशल मीडिया पर ही बोला लेकिन ईवीएम पर बटन दबाते वक्त मतदाताओं को नहीं दिख सका।