लगी हो शनि की दशा तो बिलकुल न करें यह काम, शनिदेव होते हैं क्रोधित
जीवन में दुखों का आना जाना चलता रहता हैं. हालाँकि कई बार आप ने भी नोटिस किया होगा कि ये दुःख एक बार पीछे लग लग जाते हैं तो जाने का नाम ही नहीं लेते हैं. हर किसी की लाइफ में एक समय ऐसा भी आता हैं जब उसके साथ सब कुछ बुरा ही बुरा होता हैं. परेशानियाँ थमने का नाम नहीं लेती हैं. ऐसा अक्सर शनि की दशा के कारण भी हो सकता हैं. शनिदेव एक बेहद शक्तिशाली देवता हैं. इन्हें यदि गुस्सा आ जाए और ये किसी से नाराज हो जाए तो उसकी लाइफ में दुखों की बाढ़ सी आ जाती हैं. शनिदेव शनि गृह के स्वामी भी होते हैं. ये शनिग्रह जिस भी राशि में गलत तरीके से प्रवेश करता हैं वहां शनि की दशा शुरू हो जाती हैं. जिस व्यक्ति के ऊपर शनि की दशा चलती हैं उसकी लाइफ में दुःख बढ़ने लगते हैं और सुख कम हो जाते हैं.
शनि दशा में नशा ना करे
आज हम आपको शनिदशा से होने वाले प्रभाव और उसके बचाव का सटीक उपाय बताने जा रहे हैं. शनि की दशा का बुरा प्रभाव आपके स्वस्थ पर सबसे अधिक पड़ता हैं. मान्यताओं के अनुसार शनि सबसे पहले फेफड़ों, त्वचा, जोड़ों और मांसपेशियों जैसी जगहों को प्रभावित करते हैं. यही वजह हैं कि आपको शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान धुम्रपान, तंबाकू और अन्य नशीली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा करने पर स्थिति और भी खराब हो जाती हैं.
शनि दशा में ये जरूर करे
हनुमान चालीसा पढ़े
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार शनि की साढ़ेसाती चल रही हो तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से लाभ होता हैं. कहते हैं इस चालीसा को स्वर के साथ पढ़ने से फेफड़ों को बल मिलता हैं. शनि से मिलने वाले कष्टों में हनुमान चालीसा या सुंदरकाण्ड पाठ करने से दुखों से आराम प्राप्त होता हैं. इसलिए जिस घर में शनि की दुर्दशा चल रही हैं वहां एक बार सुन्दरकाण्ड अवश्य करवा लेना चाहिए.
दूध पिए
आपको ये सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन शनि की दशा में दूध पीना लाभकारी होता हैं. इससे शनि के प्रभाव से आपके शरीर को जो नुकसान पहुँचता हैं उसका प्रभाव रुक जाता हैं या कम हो जाता हैं. गौरतलब हैं कि दूध में कई सारे पोषक तत्व उपस्थित रहते हैं.
निम के पत्तों का सेवन
दूध के अतितिक्त नीम के पत्ते खाना भी शनि की दशा में आपके लिए हितकारी साबित हो सकते हैं. नीम में कई औषधीय गुण मौजूद रहते हैं. ये आपको शनि की दशा से खराब होने वाली शारीरिक प्रक्रिया से सुरक्षित रखेगा.
अन्य उपाय
इसके आलवा आपको यथा-प्राणायाम, योगासन, कसरत, दौड़ इत्या इत्यादि चीजें भी करना चाहिए. ये सभी चीजें आपकी हड्डियों, फेफड़ों और मांसपेशियों को लाभ पहुंचाएगी.
तो अब आप जान चुके हैं कि आखिर क्यों शनि की दशा में दूध पिने की सलाह दी जाती हैं. इसके साथ ही ऊपर बताए गए बाकी उपाय भी काम आते हैं. बाहरी दुःख दूर करने के लिए आप हनुमान चालीसा और सुंदर काण्ड का उपाय अपना सकते हैं जबकि शारीरिक दुखों से छुटकारा पाने के लिए शनि की दशा में दूध पीना, नीम के पत्ते खाना, योगा और व्यायाम इत्यादि चीजें काम आती हैं.