संजय राउत का बड़ा बयान, कहा- ‘2022 में राष्ट्रपति पद के लिए शरद पवार के नाम विचार होना चाहिए’
महाराष्ट्र में पिछले साल के आखिरी में चुनाव हुए, जिसमें किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इस चुनाव के नतीजे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला। हर पार्टी ने सूबे में सरकार बनाने के लिए ऐड़ी चोटी का बल लगा लिया था, जिसके बाद जमकर सियासी ड्रामा भी हुआ था। सियासी ड्रामे के बाद सूबे में उद्धव ठाकरे का राज आया। उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी ने साथ दिया, लेकिन इसके बाद भी सियासी ड्रामा चलता रहा। सरकार बनने के बाद लगातार महाराष्ट्र में एक नया नाटक देखने को मिलता है। इसी कड़ी में शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनते ही संजय राउत के सुर ही बदल गए और उन्होंने तो राष्ट्रपति चुनाव तक की भी रणनीति बना ली, जिसकी वजह से एक बार फिर से सियासत गरमा गई। दरअसल, शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत इन दिनों अपने बड़बोले बयान के लिए खूब जाने जा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने इंदिरा गांधी पर बयान देकर सूबे समेत पूरे देश की सियासत को गरमा दिया, जिसके बाद अब उनका पुराना बयान भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए रणनीति बना रखी है।
शरद पवार को राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं संजय राउत
साल 2022 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए संजय राउत ने अभी से ही रणनीति बना ली है। इस रणनीति के तहत वे राष्ट्रपति के पद पर शरद पवार को बेठते हुए देखना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने कुछ दिन पहले ही बड़ा बयान जारी किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने बयान में कहा था कि 2022 में राष्ट्रपति का चयन करने के लिए उनके पास पर्याप्त संख्या होगी, जिसकी वजह से अब शरद पवार के नाम पर विचार होना चाहिए।
शरद पवार के नाम पर ही क्यों विचार?
संजय राउत के इस बयान पर अगर गौर किया जाए, तो सबसे पहला सवाल यही उठता है कि आखिर शरद पवार के नाम पर ही क्यों विचार करने को उन्होंने सुझाव दिया? तो इसका सीधा साधा सा जवाब है कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने के लिए बहुत ही ज्यादा पसीना बहाया और उन्हीं की वजह से कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में गठबंधन हो सका। बता दें कि शरद पवार ने महाराष्ट्र में गठबंधन करने के लिए कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से कई बार मुलाकात की और फिर सरकार बनाने पर सहमति मिली, ऐसे में अब संजय राउत उन्हें इस काम के लिए राष्ट्रपति पद गिफ्ट करना चाहते हैं।
संजय राउत का सुझाव भले ही उनके लिए बहुत आसान है, लेकिन इसके पीछे कई चुनौतियां भी हैं, जिसमें पहली तो ये है कि फिलहाल राष्ट्रपति चुनने के लिए विपक्ष के पास पर्याप्त संख्या नहीं है। इसके अलावा दूसरा कांग्रेस ने सिर्फ शिवसेना और एनसीपी महाराष्ट्र में समर्थन दिया, ऐसे में ये जरूरी नहीं है कि राष्ट्रपति के नाम पर कांग्रेस की सहमित बनेगी? मतलब साफ है कि संजय राउत का ये सपना, सिर्फ कांटों ही कांटो से भरा हुआ है, जिसकी राह फिलहाल आसान नहीं है, लेकिन ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिरी वे कैसे 2022 तक अपने पास पर्याप्त संख्या लेकर आते हैं।